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IMF की मदद पर विवाद: पाकिस्तान ने अरबों रुपये ‘हथियारों’ पर खर्च किए, अमेरिकी मिसाइल सिस्टम खरीदने का प्रस्ताव मंजूर

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार संकट में है, लेकिन इसी बीच उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिली मदद का इस्तेमाल विवादास्पद तरीके से किया है। मंगलवार (7 अक्टूबर) को अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान को 2.5 अरब डॉलर मूल्य के एआइएम-120 एएमआरएएएम एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह प्रस्ताव मई 2025 में IMF से पाकिस्तान को मिले एक अरब डॉलर की मदद के कुछ ही महीनों बाद आया।

आर्थिक मदद का हथियारों में इस्तेमाल

पाकिस्तान को अक्सर भारत की तरफ से यह आशंका जताई जाती रही है कि IMF से मिले बेलआउट पैकेज का उपयोग हथियार खरीदने में किया जाता है। IMF की शर्तों के अनुसार पाकिस्तान सीधे तौर पर आर्थिक मदद का उपयोग रक्षा उपकरण खरीदने के लिए नहीं कर सकता, लेकिन पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि पाकिस्तान हर बार जब IMF से आर्थिक मदद प्राप्त करता है, उसके तुरंत बाद रक्षा बजट में अप्रत्याशित वृद्धि होती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, मई में मिली IMF किस्त पर 11 नई शर्तें लगी थीं, लेकिन फंड के अप्रत्यक्ष उपयोग की आशंका हमेशा बनी रहती है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आंकड़े बताते हैं कि 1980-2023 के बीच पाकिस्तान को IMF से मदद मिलने पर हथियार आयात 20 प्रतिशत तक बढ़ गया।

पाकिस्तान का रक्षा बजट और बेलआउट पैकेज

पाकिस्तान का रक्षा बजट सामान्यतः कुल बजट का 18 प्रतिशत है, जो संघर्ष प्रभावित देशों के औसत 10-14 प्रतिशत से काफी अधिक है। IMF से मिले बेलआउट पैकेज के बाद यह बजट और बढ़ने की प्रवृत्ति रही है। 1958 के बाद से पाकिस्तान ने कुल 24 बार IMF से आर्थिक मदद ली है।

पाक-अमेरिकी गठजोड़ और मिसाइल खरीद

कूटनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि एएमआरएएएम मिसाइल सिस्टम की खरीद पाकिस्तान और अमेरिका के सुधरते संबंधों का प्रतीक है। पूर्व भारतीय विदेश सचिव कंवल सिबल ने कहा, “अमेरिका पाकिस्तान को फिर से हथियार दे रहा है। IMF बेलआउट प्रोग्राम का बढ़ता रक्षा खर्च से कोई संबंध नहीं होना चाहिए, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आकर्षित करने की रणनीति अपनाई है।”

सिबल ने कहा कि मिसाइल सिस्टम बनाने वाली कंपनी रेथियॉन को यह तय करना चाहिए कि भारत के साथ उसके रक्षा प्रोजेक्ट्स और पाकिस्तान को यह मिसाइल देना किस तरह संतुलित होगा।

एएमआरएएएम मिसाइल सिस्टम की विशेषताएं

एएमआरएएएम मिसाइल को उन्नत माना जा रहा है। यह 20 से 160 किलोमीटर दूरी तक हवा में किसी भी लक्ष्य को सटीक निशाना बना सकती है। कई यूरोपीय और एशियाई देश इसे युद्धक विमान प्रणाली में शामिल करने के लिए ऑर्डर दे रहे हैं। पाकिस्तान इसे अपने एफ-16 युद्धक विमानों में उपयोग कर सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की उन्नत रक्षा प्रणाली खरीदने की दिशा में कदम उठाए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान IMF सहायता का प्राथमिक उद्देश्य आर्थिक सुधार के बजाय सैन्य शक्ति बढ़ाना रहा है।

IMF से मिली अरबों की आर्थिक मदद के बावजूद पाकिस्तान का रुख आर्थिक सुधार की बजाय हथियारों और उन्नत मिसाइल सिस्टम पर खर्च करने का रहा है। इस कदम से भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताएं और बढ़ गई हैं कि बेलआउट पैकेज का सही उपयोग नहीं हो रहा और यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौती बन सकता है।

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