किंग्सटन (जमैका)। कैरिबियन द्वीप देश जमैका मंगलवार को सदी के सबसे खतरनाक तूफान Hurricane Melissa की चपेट में आ गया। कैटेगरी 5 के इस भीषण तूफान ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटे (≈185 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से हवाएँ पैदा कीं, जिससे पूरे देश में हाहाकार मच गया। मौसम विशेषज्ञों ने इसे अब तक का सबसे शक्तिशाली तूफान बताया है जिसने जमैका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर न्यू होप क्षेत्र के पास लैंडफॉल किया।
तेज़ हवाओं और मूसलाधार बारिश के कारण तटीय और पर्वतीय इलाकों में भारी तबाही हुई है। लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, बिजली और संचार सेवाएँ ठप हैं, और कई क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएँ दर्ज की गई हैं।
सबसे अधिक नुकसान सेंट एलिजाबेथ पैरिश जिले में हुआ है, जहाँ सड़कों पर पानी भर गया, घरों की छतें उड़ गईं और पेड़ जड़ से उखड़ गए। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 15 लाख से अधिक लोग इस तूफान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकते हैं।
जमैका के प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पास ऐसा बुनियादी ढाँचा नहीं है जो कैटेगरी 5 के तूफान का सामना कर सके। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन संचार नेटवर्क और सड़कों के टूटने से अभियान में बाधाएँ आ रही हैं।
तूफान अब क्यूबा की ओर बढ़ रहा है, जहाँ भारी बारिश, तूफानी लहरें और भूस्खलन की संभावना जताई गई है। अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियाँ सक्रिय हो गई हैं और प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर निकासी (evacuation) की जा रही है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का तापमान बढ़ रहा है, जिससे ऐसे भीषण तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति दोनों में वृद्धि हो रही है।
Hurricane Melissa ने जमैका में तबाही का जो मंजर छोड़ा है, वह आने वाले समय में जलवायु संकट की गंभीर चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
Hurricane Melissa: जमैका पर सदी का सबसे भीषण प्रहार, 300 किमी/घंटा की हवाओं से तबाही का खतरा


