अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन H-1B वीजा प्रक्रिया, ग्रीन कार्ड बैकलॉग और आव्रजन प्रणाली से जुड़े अन्य मुद्दों में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने बुधवार को यह बात कही। H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है। यह आमतौर पर उन लोगों को दिया जाता है, जो अमेरिका में काम करने के लिए जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो H-1B वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है, जिनके काम की जरूरत अमेरिका की कंपनियों को है। इसके बाद ग्रीन कार्ड दिया जाता है। इस वीजा की वैधता छह साल की होती है। भारतीय आईटी पेशेवर इस वीजा को सबसे ज्यादा हासिल करते हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने बुधवार को एक दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, हमने H-1B वीजा, ग्रीन कार्ड बैकलॉग प्रक्रिया में सुधार के लिए कदम उठाए हैं। दरअसल, उनसे भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों के एक वर्ग में फैली इस भावना के बारे में पूछा गया था कि राष्ट्रपति बाइडन वैध प्रवासियों की मुश्किलों को दूर करने के लिए उतने प्रयास नहीं कर रहे हैं, जितना वह अवैध प्रवासियों के लिए कर रहे हैं।