पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया में हुई गोलीबारी के दौरान उनके दाहिने कान के पास गोली लगी थी। घटना की जांच कर रही एफबीआई ने माना कि उनकी हत्या का प्रयास किया गया था। इससे पहले एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने ट्रंप के दाहिने कान के पास गोली लगने की बात से इन्कार किया था। उन्होंने मामले की जांच की बात कही थी। 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में डोनाल्ड ट्रंप की रैली के दौरान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने ट्रंप पर जानलेवा हमला किया था, लेकिन इस हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए थे और गोली उनके कान को छूकर निकल गई थी। बाद में सीक्रेट सर्विस एजेंट्स की जवाबी कार्रवाई में हमलावर क्रुक्स को मौके पर ही ढेर कर दिया गया था। एफबीआई ने घटना को हत्या का प्रयास तो बताया, लेकिन हमलावर का मकसद स्पष्ट नहीं हो सका। इसके अलावा एफबीआई ओर से ट्रंप के दाहिने कान के पास गोली लगने को लेकर जांच की बात कही थी। इसलिए मौके पर मिले गोलियों के टुकड़े की जांच शुरू की थी। वहीं शुक्रवार को व्हाइट हाउस में चिकित्सक रह चुके टेक्सास के रोनी जैक्सन ने कहा कि ट्रंप के दाहिने कान में गोली लगी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक मेमो जारी करते हुए लिखा कि ट्रंप के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। जैक्सन ने यह भी लिखा कि राइफल से कई राउंड गोलियां चलाई गईं। उन्होंने बटलर मेमोरियल अस्पताल, जहां गोली लगने के बाद ट्रंप का इलाज हुआ था, के रिकॉर्ड की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ट्रंप को सही उपचार दिया गया। उनके घाव तेजी से ठीक हो रहे हैं।
जैक्सन मेमो जारी होने के बाद न्यायिक जांच कमेटी को एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने बयान दिया। उन्होंने भी कहा कि ट्रंप के कान के पास गोली लगी थी। हालांकि यह छर्रे भी हो सकते हैं। इस बारे में ट्रंप से भी पूछताछ की गई है। एफबीआई ने कहा कि गोलीबारी की जांच की जा रही है। गोलियों के टुकड़ों को इकट्ठा किया गया है।





