विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बुधवार को तीसरे लोकतंत्र शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की शुरुआत पारदर्शिता, दक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह बदलाव न केवल आधुनिक लोकतंत्र के सिद्धांतों के साथ संरेखित होता है, बल्कि अधिक नागरिक जुड़ाव का मार्ग प्रशस्त करता है, खासकर युवाओं के बीच जो हमारी लोकतांत्रिक विरासत की जिम्मेदारियों को प्राप्त करेंगे। ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की भारत की प्रतिबद्धता इसकी लोकतांत्रिक मशीनरी के लचीलेपन और अनुकूलन क्षमता को दर्शाती है। साथ ही यह दिखाती है कि कठिनाइयों के बीच भी हर नागरिक की आवाज मायने रखती है।‘उन्होंने आगे कहा कि देश में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। 19 अप्रैल से सात चरणों में मतदान होगा। नतीजे चार जून को घोषित किए जाएंगे। 96.8 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं, 1.5 करोड़ चुनाव अधिकारियों और 12 लाख मतदान केंद्रों के साथ भारत का आगामी लोकसभा चुनाव आवाजाही के लिहाज से इस ग्रह का सबसे बड़ा निर्वाचन अभियान होगा।