सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी को बड़ी राहत दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को माना कि डीएमआरसी, दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 8000 करोड़ रुपये देने के लिए बाध्य नहीं है और डीएमआरसी की क्यूरेटिव याचिका मंजूर कर ली। दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म की कंपनी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने अपने साल 2021 के फैसले के खिलाफ डीएमआरसी की क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी दे दी है। पीठ ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का पूर्व का फैसला न्यायपूर्ण नहीं था। साल 2017 में ट्रिब्यूनल ने डीएमआरसी को 7200 करोड़ रुपये के भुगतान का आदेश दिया था, जो ब्याज की रकम लगाकर यह राशि कुल 8 हजार करोड़ रुपये थी। डीएएमईपीएल ने फैसले पर निराशा जाहिर की है। डीएमआरसी की याचिका में DAMEPL को 8 हजार करोड़ रुपये के भुगतान के आदेश को चुनौती दी गई थी। अनिल अंबानी की कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लिमिटेड द्वारा दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन का संचालन किया जाता था, लेकिन साल 2013 में विभिन्न कारणों से डीएमआरसी ने तय समय से पहले ही कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था। साथ ही डीएमआरसी ने कंपनी को समाप्ति शुल्क का भुगतान भी नहीं किया था। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लिमिटेड ने डीएमआरसी के फैसले का विरोध किया और दोनों पक्षों में कानूनी लड़ाई शुरू हो गई। विवाद को साल 2017 में मध्यस्थता के लिए भेजा गया, जिसमें ट्रिब्यूनल ने अंबानी की कंपनी डीएएमईपीएल के पक्ष में फैसला सुनाया और डीएमआरसी को कंपनी को मध्यस्थता पुरस्कार देने का आदेश दिया। अब यह राशि ब्याज समेत करीब आठ हजार करोड़ हो चुकी है।