Friday, November 14, 2025

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CPEC पर चीन ने पाकिस्तान के साथ किया ‘खेल’

इस्लामाबाद।
पाकिस्तान सरकार में चीन–पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को लेकर एक बार फिर असंतोष खुलकर सामने आया है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि चीन के साथ शुरू की गई इस बहुचर्चित परियोजना से “पाकिस्तान को वास्तविक लाभ नहीं मिला”, उलटा हालात इतने बिगड़े कि कई विदेशी निवेशक देश छोड़कर चले गए।

मंत्री के अनुसार, CPEC परियोजनाओं में पारदर्शिता की कमी, अत्यधिक कर्ज, धीमी प्रगति और अनुबंधों में असमानता के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अपेक्षित बढ़ावा नहीं मिला। उन्होंने स्वीकार किया कि परियोजना की शुरुआत में इसे पाकिस्तान के आर्थिक भविष्य की रीढ़ बताया गया था, लेकिन पिछले वर्षों में इसका कोई सार्थक आर्थिक परिणाम सामने नहीं आया।

अधिकारी ने यह भी कहा कि ऊर्जा परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण में चीन की कंपनियों को प्राथमिकता दी गई, लेकिन देश में रोजगार सृजन, औद्योगिक विकास और स्थानीय बाजार को मजबूत करने जैसे क्षेत्रों में कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि नहीं हुई। कई कंपनियां भारी लागत, असुरक्षा, और राजनीतिक अस्थिरता के कारण पाकिस्तान में अपने कामकाज को सीमित कर रही हैं या पूरी तरह से बाहर निकल चुकी हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि चीन ने परियोजनाओं में निवेश का दिखावा तो किया, लेकिन वास्तविक शर्तें पाकिस्तान के पक्ष में नहीं थीं। भारी ब्याज दरों और सख्त भुगतान शर्तों ने सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ाया। दूसरी ओर, अधूरी परियोजनाओं और धीमी प्रगति के कारण पाकिस्तान जनता को वादा किया गया लाभ नहीं मिल पाया।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि CPEC को लेकर पाकिस्तान के भीतर लगातार असंतोष बढ़ रहा है। बढ़ते कर्ज, राजस्व में गिरावट और निवेश के पलायन ने सरकार की चिंता और गहरा दी है। मंत्री का यह बयान बीजिंग और इस्लामाबाद के संबंधों में बढ़ती खटास का नया संकेत माना जा रहा है।

CPEC को चीन की महत्त्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का प्रमुख स्तंभ कहा जाता रहा है, लेकिन वर्तमान हालात बताते हैं कि पाकिस्तान के लिए यह परियोजना अब आर्थिक सुधार से अधिक बोझ का कारण बनती जा रही है।

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