केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वाल्मीकि विकास निगम घोटाला मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की। भाजपा विधायक बसनगौड़ा आर पाटिल ने इस कदमा का समर्थन किया है। पाटिल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सीबीआई को अवैध धन हस्तांतरण की सभी घटनाओं, वाल्मीकि विकास निगम के अधीक्षक चंद्रशेखरन की आत्महत्या और यूनियन बैंक की संलिप्तता की पूरी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि घोटाले में कथित रूप से शामिल कांग्रेस मंत्री और सरकारी अधिकारियों को बचाने के लिए कोई दस्तावेज नष्ट न किया जाए। यह मामला महर्षि वाल्मीकि विकास निगम के अधिकारी चंद्रशेखरन (45 वर्षीय) की आत्महत्या के बाद सामने आया था। उनकी मौत ने राज्य में एक बड़ा सियासी विवाद खड़ा कर दिया था। जिसमें भाजपा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाए। चंद्रशेखरन ने कथित तौर पर छह पन्नो का एक सुसाइड नोट छोड़ा। जिसमें तीन अधिकारियों का नाम लिया गया था और निगम के भीतर करोड़ों के भ्रष्टाचार का जिक्र किया गया। यह सुसाइड नोट कथित घोटाले को उजागर करने के केंद्र में रहा है। जिसमें विभाग के बैंक खातों से 94.73 करोड़ रुपये के लेन देन शामिल थे, जो यूनियन बैंक की शाखाओं के बीच स्थानांतरित किए गए थे।
इन आरोपों को लेकर एक मामला विनोबानगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था और कर्नाटक में कथित वाल्मीकि विकास निगम घोटाले की जांच कराने का आग्रह किया था। पत्र में शोभा ने कहा, वाल्मीकि विकास निगम की स्थापना हाशिए के समुदायों के सामाजिक-आर्तिक विकास को आगे बढ़ाने के महान उद्देश्य के साथ की गई थी। लेकिन हाल की रिपोर्ट्स ने विकास परियोजनाओं के लिए आवंटित धन के गलत इस्तेमाल को उजागर किया है। इस घोटाले की भयावहता, शासन और जवाबदेही तंत्र के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करती है।





