सीबीआई ने एक बहुस्तरीय भ्रष्टाचार रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC), निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधि और बिचौलिए शामिल हैं। इस मामले में CBI ने 34 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के 8 अधिकारी, NMC के 5 डॉक्टर, और विभिन्न मेडिकल संस्थानों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल हैं।
🧾 FIR में शामिल नामी हस्तियां
• डी. पी. सिंह – चेयरमैन, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज
• मयूर रावल – रजिस्ट्रार, गीतांजलि यूनिवर्सिटी
• रवि शंकर जी महाराज – चेयरमैन, रावतपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज
• सुरेश सिंह भदौरिया – चेयरमैन, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज
🔍 क्या है आरोप?
CBI की FIR के अनुसार, इन अधिकारियों और डॉक्टरों ने
• गोपनीय सरकारी दस्तावेज
• NMC निरीक्षण की तिथियां और जानकारी
• सीनियर अधिकारियों की टिप्पणियों की तस्वीरें
…बिचौलियों के माध्यम से निजी मेडिकल कॉलेजों को पहुंचाईं। इसके बदले में इन अधिकारियों को मोटी रिश्वत दी गई।
💰 रिश्वत का मामला
• रावतपुरा इंस्टीट्यूट, नया रायपुर को फायदा पहुंचाने के लिए 55 लाख रुपये की रिश्वत दी गई।
• इस मामले में अब तक NMC के तीन डॉक्टर समेत आठ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
📋 CBI की FIR में नामित अधिकारी
स्वास्थ्य मंत्रालय के जिन आठ अधिकारियों के नाम FIR में दर्ज हैं, वे हैं:
पूनम मीना, धर्मवीर, पीयूष माल्याण, अनूप जैसवाल, राहुल श्रीवास्तव, दीपक, मनीषा, और चंदन कुमार।
इन पर आरोप है कि इन्होंने गोपनीय फाइलें खोजकर, उनकी फोटोज़ बिचौलियों को भेजीं, जिससे मेडिकल कॉलेज NMC निरीक्षण से पहले खुद को अनुकूल तरीके से तैयार कर सके।
🛑 कानूनी कार्रवाई आगे क्या?
• CBI ने कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
• आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं।
• इस मामले में जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, जो भारत में मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है।