ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने मंगलवार को सीएए लागू किए जाने का समर्थन किया। वहीं, असम में विपक्षी दलों का बुलाया बंद बेअसर रहा। असम में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि 16 विपक्षी दलों के मंगलवार को संयुक्त रूप से बुलाए गए बंद का कोई असर नहीं दिखा। दूसरी ओर, गुवाहाटी पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान नुकसान के प्रति आगाह किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बीजद विधायक परशुराम ढाडा ने कहा, बीजद सीएए का स्वागत करता है, क्योंकि यह लोगों को नागरिकता प्रदान करता है और किसी से देश में रहने का अधिकार नहीं छीन रहा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने 17 दिसंबर 2019 को कहा था, सीएए का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है, यह केवल विदेशियों से संबंधित है। लोकसभा और राज्यसभा में बीजद सदस्यों ने स्पष्ट कर दिया है कि हम एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) का समर्थन नहीं करते। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सीएए को विभाजनकारी बताते हुए मंगलवार को कहा कि इसे उनके राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। स्टालिन ने लोकसभा चुनाव से पूर्व जल्दबादी में सीएए लागू को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएए और इसके नियम संविधान की मूल संरचना के खिलाफ हैं। सीएए से कोई लाभ नहीं होने वाला है। यह देश की जनता के बीच सिर्फ फूट डालेगा। उनकी सरकार का रुख साफ है कि यह कानून पूरी तरह अनुचित है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए। स्टालिन ने कहा कि सीएए बहुलवाद, धर्मनिरपेक्षता, अल्पसंख्यक समुदायों और श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के खिलाफ है।