केंद्र सरकार साल 2023-24 में स्मारकों के संरक्षण पर 443.53 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2019-20 में स्मारकों के संरक्षण पर 435.39 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि, ‘भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) देश भर में 3,698 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों और स्थलों के संरक्षण का काम करता है। एएसआई के अधिकारियों की तरफ से स्मारकों और स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है और संसाधनों की आवश्यकता और उपलब्धता के अनुसार स्मारकों के संरक्षण और संरक्षण के उपाय किए जाते हैं।। वहीं अपने जवाब में, केंद्रीय मंत्री ने पिछले पांच वर्षों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में स्मारकों के संरक्षण के लिए खर्च की गई राजस्व राशि भी साझा की। साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 और 2023-24 में यह आंकड़ा 435.39 करोड़ रुपये और 443.53 करोड़ रुपये रहा। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से यह भी पूछा गया कि क्या सरकार ने ‘प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाने’ के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार व्यक्तियों को ‘दंडित’ करने के लिए कोई उपाय किया है। इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘संरक्षित स्मारकों का क्षय या ह्रास उनके निर्माण की प्रकृति और तकनीक, प्रयुक्त सामग्री, संरचनात्मक स्थिरता, जलवायु कारकों, जैविक, वनस्पति कारकों, अतिक्रमण, प्रदूषण, उत्खनन, प्राकृतिक आपदाओं आदि पर निर्भर करता है। प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 की धारा 30 में संरक्षित स्मारक को नष्ट करने, हटाने, जांच करने, बदलने, विरूपित करने, खतरे में डालने या उसका दुरुपयोग करने वाले के लिए दंड का प्रावधान है।’