12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 से जुड़े हादसे के बाद बोइंग विमानों की तकनीकी सुरक्षा पर गहन जांच शुरू की गई थी। प्रारंभिक रिपोर्ट में यह संदेह जताया गया था कि फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) की लॉकिंग प्रणाली में गड़बड़ी हादसे की वजह हो सकती है।
इस संदर्भ में एअर इंडिया ने बुधवार को बयान जारी करते हुए कहा कि उसके सभी बोइंग 787-8 विमानों की गहन जांच पूरी हो चुकी है और FCS के लॉकिंग मैकेनिज्म में कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई। कंपनी के अनुसार, “हमारी इंजीनियरिंग टीम ने सभी संभावित पहलुओं की जांच की है। थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को बोइंग के रखरखाव दिशानिर्देशों के अनुसार पहले ही बदला जा चुका है।”
DGCA का सख्त रुख, 21 जुलाई तक जांच के निर्देश
विमानन नियामक DGCA ने सभी भारतीय एयरलाइनों को निर्देश दिया है कि वे 21 जुलाई, 2025 तक अपने बोइंग 787 और 737 विमानों में FCS लॉकिंग सिस्टम की जांच पूरी करें। यह कदम एअर इंडिया हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आने के दो दिन बाद उठाया गया।
पायलट संघ FIP ने उठाई आपत्ति
इस बीच भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने जांच प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई है। FIP ने कहा, “हमें दुख है कि पायलट प्रतिनिधियों को जांच प्रक्रिया से बाहर रखा गया। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पारदर्शिता और तकनीकी आंकड़ों के आधार पर जांच आवश्यक है। पूर्वाग्रह या दोषारोपण करना गैर-जिम्मेदाराना है।”
फ्यूल कंट्रोल स्विच: क्या है इसका काम?
FCS (फ्यूल कंट्रोल स्विच) विमान के इंजन में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करता है और थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल का हिस्सा होता है। इसमें किसी भी तरह की खराबी विमान की कार्यक्षमता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है।