Thursday, December 18, 2025

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AILET 2026 संपन्न: ‘ईजी टू मॉडरेट’ रहा पेपर, एनएलयू दिल्ली के लिए कट-ऑफ 120 के पार जाने की उम्मीद

नई दिल्ली। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU), दिल्ली द्वारा आयोजित ‘ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट’ (AILET) 2026 सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। परीक्षा देकर निकले छात्रों और शिक्षा विशेषज्ञों की शुरुआती प्रतिक्रिया के अनुसार, इस वर्ष का प्रश्नपत्र ‘आसान से मध्यम’ (Easy to Moderate) स्तर का रहा। पेपर के संतुलित होने के कारण इस बार प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी रहने वाली है, जिससे सामान्य श्रेणी (General Category) के लिए कट-ऑफ स्कोर 120/150 के आसपास रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

परीक्षा का विश्लेषण: किस सेक्शन ने कितना चौंकाया?

  • लॉजिकल रीजनिंग: इस बार भी यह सेक्शन सबसे महत्वपूर्ण रहा। छात्रों के अनुसार, प्रश्न काफी हद तक ‘क्रिटिकल रीजनिंग’ पर आधारित थे। हालांकि पेपर थोड़ा लंबा (Lengthy) था, लेकिन बुनियादी समझ रखने वाले छात्रों के लिए यह स्कोरिंग रहा।
  • अंग्रेजी भाषा: अंग्रेजी का स्तर मध्यम रहा। इसमें रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन (RC) के पैसेज ज्यादा कठिन नहीं थे, लेकिन समय प्रबंधन (Time Management) ने छात्रों की असली परीक्षा ली।
  • सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स: इस सेक्शन में पिछले 10-12 महीनों की समसामयिक घटनाओं (Current Affairs) का दबदबा रहा। खेल, राष्ट्रीय पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय समझौतों से सीधे प्रश्न पूछे गए, जो अच्छी तैयारी करने वालों के लिए आसान साबित हुए।

संभावित कट-ऑफ और सेफ स्कोर

विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि पेपर में कोई बड़ा ‘सरप्राइज एलिमेंट’ नहीं था, इसलिए पिछले वर्ष की तुलना में कट-ऑफ में उछाल देखा जा सकता है।

  • सामान्य श्रेणी: 119 से 122 के बीच अंक लाने वाले छात्र सुरक्षित जोन में माने जा सकते हैं।
  • आरक्षित श्रेणियां: ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और एससी/एसटी श्रेणियों के लिए भी कट-ऑफ में आनुपातिक वृद्धि की संभावना है।

 

NLU दिल्ली ने प्रोविजनल आंसर-की (Provisional Answer Key) जारी करने के साथ ही आपत्तियां दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अंतिम परिणाम दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक घोषित होने की उम्मीद है। इसके तुरंत बाद सफल उम्मीदवारों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

 AILET 2026 का पेपर “स्टूडेंट-फ्रेंडली” रहा, जिससे उच्च स्कोरिंग की संभावना बढ़ गई है। अब सारा दारोमदार छात्रों की ‘एक्यूरेसी’ (Accuracy) पर है, क्योंकि नकारात्मक अंकन (Negative Marking) अंतिम रैंक तय करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

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