गलत तथ्यों के आधार पर नियुक्ति पाने, वित्तीय अनियमिताओं और अधीनस्थ कर्मचारियों का उत्पीड़न करने के आरोप में शासन ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड न्यूट्रिशन संस्थान (आईएचएम), नई टिहरी के निदेशक/प्राचार्य (संविदा) डॉ. यशपाल सिंह नेगी की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। नेगी से वेतन की वसूली भी की जाएगी। आरोपों की जांच के लिए पर्यटन निदेशालय की ओर से जांच समिति का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर निदेशक पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुर्वे ने पद पर नियम विरुद्ध नियुक्ति पाने का दोषी पाते हुए डॉ. यशपाल सिंह नेगी की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। निदेशक पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से मामले में डीएम टिहरी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि निदेशक/प्राचार्य यशपाल सिंह को गलत तथ्यों/बयानों के आधार पर नियुक्ति मिली है। नियुक्ति की तिथि से वर्तमान तक उन्हें मिले वेतन की राजस्व वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं।नेगी को संस्थान में 7 सितंबर 2015 में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर तैनाती मिली थी। 2016 में उन्हें निदेशक/प्राचार्य (संविदा) पर नियुक्त किया गया था। उन पर कर्मचारियों का उत्पीड़न करने, एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की डिग्री होने का गलत दावा करने, निदेशक/प्राचार्य पद के लिए पर्यवेक्षक/सह पर्यवेक्षक के रूप में न्यूनतम दो सफल पीएचडी अभ्यर्थियों का मार्ग दर्शन करने संबंधी गलत सूचना देने, कार्यालय में दैनिक आधार पर बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज न कराने और अनुपस्थित होने की दशा में मैन्युअल उपस्थिति पंजीका में एक साथ कई दिनों के हस्ताक्षर करने, सहायक प्रो. हितेश रमोला के बैंक खाते में नियम विरुद्ध 49,800 रुपये की धनराशि हस्तांतरित करने, कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान न करने के आरोप हैं।