तेल अवीव की सड़कों पर एक बार फिर बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन देखने को मिले। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने हमास के साथ बंधकों की अदला-बदली समझौते और बेंजामिन नेतन्याहू को प्रधानमंत्री के पद से हटाने व देश में तय समय से पहले जल्द चुनाव कराने की मांग की। ‘टाइम्स ऑफ इस्राइल’ ने अपनी खबर में यह जानकारी दी। प्रदर्शन के आयोजकों का दावा है कि सात अक्तूबर के बाद से शनिवार को सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन में अकेले तेल अवीव में 1,20,000 लोग पहुंचे। हांलांकि, इस आंकड़े की पुष्टि नहीं की गई है। इसी तरह के विरोध प्रदर्शन देशभर के विभिन्न हिस्सों में भी देखने को मिले। प्रदर्शनकारियों ने डेमोक्रेसी स्क्वायर, बिगिन रोड और कपलान स्ट्रीट के चौराहे पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, यरूशलम में हजारों लोगों ने राष्ट्रपति निवास की ओर कूच किया। उन्होंने बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग और संघर्ष को खत्म करने के प्रयासों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का आभार जताया। इस दौरान गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के प्रतीक पीले झंडे भी लहराए गए। प्रदर्शनकारियों ने ‘बंधकों को वापस लाना होगा’ के नारे लगाए। अमेरिका और मिस्र ने एक साझा बयान में इस्राइल और हमास से प्रस्तावित युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते को अपनाने का आग्रह किया। बयान में कहा गया है कि कतर अमेरिका और मिस्र संयुक्त रूप से हमास और इस्राइल दोनों से 31 मई 2024 को राष्ट्रपति बाइडन द्वारा पेस समझौते को अंतिम रूप देने का आह्वान करते हैं। बयान में कहा गया है कि यह समझौता गाजा में लंबे समय से पीड़ित लोगों के साथ-साथ बंधकों और उनके परिवारों दोनों को तत्काल राहत देगा। इसमें कहा गया है, यह सौदा युद्ध विराम और संकट को खत्म करने के लिए एक रोडमैप पेश करता है।





