Tuesday, December 23, 2025

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नए आपराधिक कानून प्रणाली पूरी तरह से तकनीक पर निर्भर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक जुलाई से लागू होने वाले नए आपराधिक कानूनों में प्रौद्योगिकी (Technology) एक महत्वपूर्ण कारक होगी। उन्होंने कहा कि समन एसएमएस द्वारा भेजे जाएंगे, 90 फीसदी गवाह वीडियो कॉल के जरिए पेश होंगे और अदालतें प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर आदेश जारी करेंगी। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं आपको विश्वास के साथ कह सकता हूं कि तीन साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली होगी।नए कानूनों में देशद्रोह कानून को नए अवतार में लाया जा रहा है और इसके दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। लोकसभा में बीती 21 दिसंबर को तीन नए आपराधिक कानूनोंभारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक को मंजूरी मिली थी। ये कानून मौजूदा कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन कानूनों को मंजूरी दे दी थी। अब यह कानून एक जुलाई से लागू होंगे।  शाह ने इंटरव्यू के दौरान पहली बार नए आपराधिक कानून प्रणाली पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली लगभग पूरी तरह से तकनीक पर आधारित है। उदाहरण के लिए, सभी अदालती मामले ऑनलाइन हो जाएंगे और एफआईआर, कोर्ट डायरी और फैसले का डिजिटलीकरण किया जाएगा। पहले ही, अधिकारियों ने पिछले पांच वर्षों में देश भर में नौ करोड़ अपराधियों के फिंगरप्रिंट डाटा एकत्र किए हैं।

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