देश के नागरिकों को सस्ती आयुष चिकित्सा दिलाने के लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही आयुष बीमा के लिए देश के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिसके तहत पंचकर्म से लेकर नेचुरोपैथी तक का चिकित्सा लाभ मिल सकेगा। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने 27 मई को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में बीमा कंपनियों के सीईओ और आयुष अस्पतालों के मालिकों की बैठक बुलाई है, जिसमें बीमा कवरेज के लिए सरकारी और निजी आयुष अस्पतालों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसी साल 31 जनवरी को आईआरडीए ने स्वास्थ्य बीमा में आयुष चिकित्सा को भी शामिल करने का आदेश जारी किया, जो बीते एक अप्रैल से लागू हुआ है। इस बैठक के लिए सभी राज्यों के आयुष अधिकारियों को दिल्ली बुलाया है, जिसमें आईआरडीए के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इनके अलावा सामान्य बीमा परिषद (जीआईसी), भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो (आईआईबी), राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और आयुष मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी बैठक में शामिल होंगे। स्वास्थ्य बीमा के लिए आयुष को अन्य उपचारों के बराबर रखने के साथ-साथ पॉलिसीधारकों को अपनी पसंद के अनुसार उपचार चुनने का विकल्प प्रदान किया जाएगा।
बीमा कंपनियां अलग-अलग पॉलिसी के जरिए यह ऑफर उपलब्ध करा सकती हैं। हाल ही में सरकार ने एक रोहिणी प्लेटफार्म शुरू किया है, जिसमें देश के सरकारी या फिर प्राइवेट दोनों तरह के आयुष अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है।
आयुष बीमा के लिए तय होंगे अस्पताल
