Thursday, September 19, 2024

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फॉर्म 17C के आधार पर वोट प्रतिशत बताने से मतदाताओं में भ्रम पैदा होगा

चुनाव आयोग (ईसी) ने सर्वोच्च न्यायालय में गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक आवेदन पर हलफनामा दायर किया। एडीआर ने मतदान के 48 घंटों के भीतर लोकसभा चुनाव 2024 में डाले गए मतों की संख्या सहित सभी मतदान केंद्रों में मतदाता मतदान के अंतिम प्रमाणित आंकड़ों का खुलासा करने की मांग की थी। आयोग ने एडीआर के हलफनामे को खारिज करने की मांग की और कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व कामकाज को बदनाम करने के लिए उस पर झूठे आरोप लगाते रहते हैं।  पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से उस आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था, जिसमें हालिया लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण के मतदान की समाप्ति के बाद सभी मतदान केंद्रों पर दर्ज मतों का तुरंत आंकड़ा अपलोड करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। एडीआर ने आरोप लगाया कि चुनाव के पहले दो चरणों के मतदान प्रतिशत के आंकड़ों के प्रकाशन में अत्यधिक देरी हुई। आवेदन में मतदाता मतदान विवरण प्रकाशित करने में देरी के अलावा कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रारंभिक मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में वृद्धि हुई है।  आवेदन में कहा गया है कि आम चुनाव के पहले दो चरणों के मतदान के आंकड़े 19 अप्रैलो को पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान के चार दिन बाद 30 अप्रैल को प्रकाशित किए गए थे। इस पर आयोग ने कहा कि 30 अप्रैल की प्रेस विज्ञप्ति में उसकी ओर से प्रकाशित आंकड़ों में मतदान के दिन घोषित प्रारंभिक मतदान प्रतिशत में तेज वृद्धि (करीब 5-6 फीसदी) दिखाई दी। 

 

 

 

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