उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में पिछले सात दिनों से पीएचडी पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे छात्र आंदोलन में बुधवार को आंदोलनरत छात्रों ने कुलसचिव को ज्ञापन दिया। जिसमें पीएचडी जांच समिति की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराई गई। तत्काल प्रभाव से प्रवेश प्रक्रिया पर रोक की मांग की है।
आज बृहस्पतिवार से छात्र मांग के लिए भूख हड़ताल शुरू करेंगे। छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय ने छात्रों को आठ महीने तक गुमराह करने के बाद मात्र पांच पेज की रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें भी छात्रों की शिकायतों पर कोई चर्चा ही नहीं की गई है।
समिति के सदस्यों ने लिखा है कि जो शिकायत आई है, उन गलतियों का अगली पीएचडी प्रवेश परीक्षा में ध्यान रखा जाएगा। इससे साफ पता चलता है कि गलती प्रशासन ने की है, पर इस वर्ष की पीएचडी में की गई गलतियों का सुधार नहीं किया जाएगा। ये सरासर धांधली का प्रमाण है।
इससे पता चल रहा है कि अपने चहेतों के प्रवेश के लिए प्रशासन किसी भी हद तक जाने को तैयार है। कहा कि छात्रों की ओर से गई शिकायतों पर पुन: मंथन किया जाए। सभी अनियमितताओं को दूर कर पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाए, तब तक प्रवेश पर रोक लगाई जाए। कहा कि छात्रों को जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस मौके पर छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल थुवाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सागर खेमरिया, आशीष सेमवाल, वरिष्ठ छात्र नेता कमलेश पुरोहित, कैलाश प्रसाद व्यास, मनमोहन शुक्ला, रोहित भट्ट, कमलेश जोशी, पवन कुमार, राहुल आदि मौजूद रहे।