भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि वह भारत के लोगों को नसीहत देने नहीं, बल्कि उनसे सीखने और उन्हें समझने यहां आए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई दुनिया के भविष्य को आकार लेते देखना चाहता है, तो उसको भारत आना चाहिए। यहां कई मायनों में विश्व का भविष्य गढ़ा जा रहा है। स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए गार्सेटी ने कहा कि विवेकानंद ने अमेरिका में उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक संघर्ष करो का जो संदेश दिया वही बेहतर भविष्य की ओर लेकर जाएगा। उन्होंने कहा, मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे अमेरिका के प्रतिनिधि के तौर पर भारत में काम करने का अवसर मिला है। मैं यहां किसी को नसीहत देने या सिखाने नहीं आया हूं, बल्कि सीखने और समझने आया हूं। आईपीई ग्लोबल की तरफ से आयोजित नवाचार के प्रभाव और विकास की जमीनी हकीकत विषय पर आयोजित चर्चा में भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच तकनीक समेत तमाम क्षेत्रों में सहयोग ऊंचाइयों पर पहुंचा है।