पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने तोशाखाना मामले में सेना के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि उनके दावे झूठे, मनगढ़ंत और बेबुनियाद हैं। क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने आरोप लगाया था कि सेना के शीर्ष नेतृत्व ने उनका मनोबल तोड़ने के उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीवी को इस मामले में फंसाया था। देश की एक जवाबदेही अदालत ने तोशाखाना मामले में इमरान और बुशरा को 31 जनवरी को 14-14 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद आठ फरवरी को देश में आम चुनाव हुए थे। जिसमें किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। हालांकि, शहबाज शरीफ नेतृत्व वाली पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो जरदरारी की पीपीपी ने हाथ मिला लिया। इसके बाद शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने, जबकि आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति बनाया गया। एक अप्रैल को उच्च न्यायालय ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दंपति को सुनाई गई 14 साल की सजा को निलंबित कर दिया था। इमरान खान के आधिकारिक एक्स खाते पर एक पोस्ट की गई, जिसमें अदियाला जेल में पत्रकारों से उनकी बातचीत की प्रतिलिपि (ट्रांसक्रिप्ट) साझा की गई। इमरान खान ने दावा किया कि शीर्ष सैन्य नेतृत्व देश को चला रहा है।