केंद्र और राज्य सरकारों में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों को कांग्रेस पार्टी से बड़ी उम्मीद थी कि वह ओपीएस के मुद्दे को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को घोषणापत्र जारी करते समय कहा, ये मुद्दा हमारे दिमाग में है। इससे पीछे नहीं हट रहे हैं, लेकिन अभी केंद्र सरकार ने वित्त सचिव की अध्यक्षता में ओपीएस के समाधान के लिए कमेटी गठित कर रखी है। उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। रिपोर्ट देखने के बाद पार्टी अगला कदम उठाएगी। पुरानी पेंशन बहाली के लिए गठित, नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने पहले ही कहा था कि जो भी दल पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा, उसे कर्मचारी और उनसे जुड़े 10 करोड़ वोट मिलेंगे। जानकारों का कहना है कि अब कांग्रेस पार्टी ने ओपीएस को अपने घोषणापत्र में शामिल न कर, 10 करोड़ वोटों का जोखिम ले लिया है। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि इन वोटरों का फायदा अब भाजपा को पहुंच सकता है। पुरानी पेंशन बहाली के लिए गठित, नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति ने पहले अनिश्चितकालीन स्ट्राइक की घोषणा की थी। 19 मार्च को कर्मचारी संगठनों द्वारा केंद्र सरकार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का नोटिस दिया जाना था। इसके बाद एक मई से हड़ताल पर जाने की घोषणा की गई थी। बाद में सरकार की तरफ से कहा गया कि अभी कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है। इसके लिए सरकार को कुछ समय चाहिए। इसके चलते कर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली।