रूस में आम चुनाव खत्म हो गए हैं। अब उम्मीद जताई जा रही है कि व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर राष्ट्रपति बनेंगे। रूसी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती रुझानों से साफ है कि पुतिन को लगभग 88% वोट मिलने की संभावना है। रूसी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एग्जिट पोल से पता चलता है कि पुतिन ने रूसी राष्ट्रपति के रूप में एक और छह साल का कार्यकाल हासिल कर लिया है। गौरतलब है कि पुतिन पर अकसर आरोप लगते रहते हैं कि वे विपक्ष को दबा रहे हैं। बता दें, रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए केवल तीन अन्य सांकेतिक लोगों को मौका मिला। वहीं, जिसने भी यूक्रेन युद्ध का विरोध किया, उसे चुनाव में खड़ा ही नहीं होने दिया गया। 31 दिसंबर, 1999 को बोरिस येल्तसिन ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पुतिन कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। मार्च, 2000 में पुतिन पहला चुनाव जीते। 2004 में पुतिन दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए। संविधान के अनुसार कोई लगातार दो बार से अधिक समय तक राष्ट्रपति नहीं रह सकता। ऐसे में 2008 में पुतिन को पद छोड़ना पड़ा। पुतिन ने दिमित्री मेदवेदेव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और खुद प्रधानमंत्री बन गए। मेदवेदेव सरकार ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल चार की बजाय 6 साल का कर दिया। इसके बाद पुतिन 2012 में तीसरी व 2018 में चौथी बार राष्ट्रपति बने। इस बीच, जुलाई 2020 में पुतिन एक विवादास्पद संविधान संशोधन लेकर आए, जिसने उनके 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।