भीमताल: जनपद नैनीताल के भीमताल ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले पर्वतीय गांवों में इन दिनों वन्यजीवों, विशेषकर गुलदार का भारी आतंक बना हुआ है। पिछले एक सप्ताह के भीतर गुलदार ने अलग-अलग घटनाओं में दो महिलाओं को अपना निवाला बना लिया है। इन दर्दनाक घटनाओं के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है और वन विभाग की कथित लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश सातवें आसमान पर पहुंच गया है।
ताजा घटना: घास काटने गई महिला पर हमला
ताजा मामला भीमताल के निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्र का है, जहां एक महिला अन्य ग्रामीणों के साथ जंगल में घास काटने गई थी। झाड़ियों में घात लगाकर बैठे गुलदार ने अचानक महिला पर हमला कर दिया और उसे खींचकर गहरे गर्त में ले गया। जब तक साथ मौजूद अन्य ग्रामीण शोर मचाते और मौके पर पहुंचते, तब तक गुलदार महिला को मौत के घाट उतार चुका था। एक हफ्ते के भीतर यह दूसरी ऐसी घटना है जिसने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों का प्रदर्शन और सड़क जाम
लगातार हो रही मौतों से गुस्साए ग्रामीणों ने भीमताल-हल्द्वानी मार्ग पर एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि पहली घटना के बाद ही वन विभाग को सचेत किया गया था, लेकिन विभाग ने केवल गश्त का आश्वासन दिया और कोई ठोस कदम नहीं उठाया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि आदमखोर घोषित हो चुके गुलदार को तुरंत मारा जाए या पिंजरे में कैद किया जाए। उन्होंने मृतक आश्रितों को उचित मुआवजा देने और क्षेत्र में सोलर लाइटें लगाने की भी मांग की है।
वन विभाग की कार्रवाई और बचाव के प्रयास
बढ़ते दबाव के बीच वन विभाग की टीम ने प्रभावित गांवों में गश्त तेज कर दी है। प्रभागीय वनाधिकारी (DFO) ने बताया कि घटनास्थल के समीप दो पिंजरे लगाए गए हैं और गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले जंगल की ओर न जाएं और शाम ढलने के बाद घरों से बाहर निकलने में सावधानी बरतें।
दहशत के साये में ग्रामीण
इन घटनाओं के बाद भीमताल के कई गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं और शाम होते ही गांवों में कर्फ्यू जैसा नजारा हो जाता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि पहाड़ों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए कोई स्थायी नीति बनाई जाए ताकि बेगुनाह ग्रामीणों की जान बचाई जा सके।
घटनाक्रम पर एक नजर:
- हफ्ते की पहली घटना: जंगल के समीप रहने वाली महिला पर शाम के समय हमला।
- ताजा शिकार: घास लेने गई ग्रामीण महिला की मौके पर ही मृत्यु।
- विभाग की तैयारी: प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरे और कैमरों की तैनाती।
- ग्रामीणों की मांग: गुलदार को आदमखोर घोषित कर ढेर करने की मांग।





