चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में आज एक बड़ा रेल हादसा हो गया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार, एक निर्माणाधीन परियोजना की सुरंग (टनल) के भीतर दो लोको ट्रेनें (इंजन) आपस में टकरा गईं। इस भीषण भिड़ंत में ट्रेनों के परखच्चे उड़ गए और प्रारंभिक सूचना के अनुसार लगभग 100 लोग घायल हुए हैं। घायलों में अधिकतर वहां कार्यरत श्रमिक और तकनीकी कर्मचारी बताए जा रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, हादसा उस समय हुआ जब सुरंग के अंदर साम्रगी और कर्मचारियों को ले जा रही दो लोको ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आ गईं। अंधेरा और संकरा रास्ता होने के कारण चालकों को संभलने का मौका नहीं मिला और दोनों इंजनों के बीच जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उसकी गूंज सुरंग के बाहर तक सुनी गई।
राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें मौके पर पहुंच गईं। सुरंग के भीतर फंसे घायलों को निकालने के लिए तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। ऑक्सीजन की कमी और मलबे के कारण बचाव दल को शुरुआत में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अंधेरे को चीरते हुए सभी घायलों को बाहर निकाला जा रहा है।
अस्पतालों में हाई अलर्ट, घायलों की स्थिति
सभी घायलों को एंबुलेंस के जरिए नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल लोगों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स (AIIMS) भेजने की तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर उन्हें ड्यूटी पर तैनात रहने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, जांच के आदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने जिला प्रशासन से फोन पर वार्ता कर स्थिति का जायजा लिया और घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए। सरकार ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह हादसा तकनीकी खराबी की वजह से हुआ या इसमें मानवीय लापरवाही शामिल थी।
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हादसे ने निर्माणाधीन सुरंगों के भीतर सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और श्रमिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी की जा रही है। फिलहाल प्रशासन की पहली प्राथमिकता सभी घायलों की जान बचाना और सुरंग को सुरक्षित करना है।





