हरिद्वार। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण/शहरी) के तहत आवास निर्माण में देरी करने वाले लाभार्थियों के खिलाफ हरिद्वार जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों ने योजना की पहली या दूसरी किस्त लेने के बावजूद अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है या उसे बीच में लटका दिया है, उनसे सरकारी धन की रिकवरी की जाएगी।
आंकड़ों में योजना की स्थिति
हरिद्वार जिले में इस योजना के तहत कुल 8,120 आवासों को स्वीकृति प्रदान की गई थी। लक्ष्य के सापेक्ष अब तक केवल 3,772 आवास ही बनकर तैयार हो पाए हैं। शेष 4,348 आवासों का कार्य या तो अधर में लटका है या अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है। लक्ष्य और पूर्णता के बीच का यह बड़ा अंतर प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
प्रशासन की सख्त चेतावनी
मुख्य विकास अधिकारी (CDO) और संबंधित अधिकारियों ने ब्लॉक स्तर पर समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए हैं कि योजना की प्रगति की साप्ताहिक निगरानी की जाए।
- नोटिस जारी: निर्माण कार्य पूरा न करने वाले लाभार्थियों को अंतिम चेतावनी नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
- आरसी (RC) कटेगी: यदि नोटिस के बाद भी निर्माण कार्य में तेजी नहीं आती है, तो संबंधित लाभार्थियों के खिलाफ आरसी (Recovery Certificate) जारी कर दी जाएगी और वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी।
- जांच के घेरे में अन्य कारक: प्रशासन यह भी देख रहा है कि कहीं किस्तों के भुगतान में विभागीय देरी तो नहीं हुई, लेकिन जहां लाभार्थी की लापरवाही सामने आई है, वहां कार्रवाई तय है।
क्यों अटक रहा है काम?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई लाभार्थियों ने आवास की किस्त का उपयोग अन्य घरेलू कार्यों या व्यक्तिगत जरूरतों में कर लिया है। सरकार का उद्देश्य ‘सभी को पक्का घर’ देना है, लेकिन बजट का दुरुपयोग होने के कारण योजना की रैंकिंग पर भी असर पड़ रहा है।
मुख्य बिंदु:
- कुल स्वीकृत आवास: 8,120
- पूर्ण हुए आवास: 3,772
- लंबित आवास: 4,348
- अगली कार्रवाई: सरकारी धन का दुरुपयोग करने वालों से ब्याज सहित वसूली।
प्रशासन की इस सख्ती से उन लोगों में हड़कंप मच गया है जिन्होंने पैसा लेने के बावजूद घर बनाने की सुध नहीं ली। आने वाले दिनों में तहसील स्तर पर रिकवरी की कार्रवाई तेज होने की संभावना है।





