देहरादून। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बैंकिंग परीक्षाओं में धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने देहरादून से एक शातिर ‘सॉल्वर’ को गिरफ्तार किया है, जो मेधावी छात्र बनकर दूसरों के स्थान पर परीक्षा देता था और चयन सुनिश्चित होने के बाद उनसे मोटी रकम वसूलता था।
ऐसे हुआ गिरोह का खुलासा
एसटीएफ को पिछले काफी समय से बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं में सेंधमारी की सूचना मिल रही थी। गोपनीय जांच और तकनीकी इनपुट के आधार पर पुलिस ने देहरादून के एक रिहायशी इलाके में दबिश देकर आरोपी को धर दबोचा। पकड़े गए आरोपी के पास से विभिन्न अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, फर्जी पहचान पत्र और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं।
मोडस ऑपेरंडी: ‘नौकरी लगने के बाद डील’
पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह बेहद शातिर तरीके से काम करता था। आरोपी अभ्यर्थियों से पहले एडवांस के तौर पर कुछ राशि लेता था, लेकिन असली खेल ‘फाइनल सिलेक्शन’ के बाद शुरू होता था।
- फर्जी पहचान पत्र: आरोपी फोटो मिक्सिंग तकनीक का इस्तेमाल कर फर्जी आईडी कार्ड तैयार करता था ताकि परीक्षा केंद्र पर पकड़ा न जा सके।
- मोटी रकम की डिमांड: चयन होने के बाद प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 से 15 लाख रुपये तक की वसूली की जाती थी।
- नेटवर्क: इस गिरोह के तार दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों से भी जुड़े होने की आशंका है।
पुलिस का बयान
एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार युवक खुद भी काफी शिक्षित है और बैंकिंग परीक्षाओं के पैटर्न को अच्छी तरह समझता था। पुलिस अब उन अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर रही है जिन्होंने इस सॉल्वर की मदद से परीक्षा पास की है। जल्द ही इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं।





