गदरपुर (ऊधमसिंह नगर): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में सरकारी जमीनों से अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान शनिवार सुबह एक बार फिर तेजी से शुरू हुआ। ऊधमसिंह नगर जिले के गदरपुर में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई एक मजार को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल और पीएसी (PAC) तैनात रही।
तड़के शुरू हुई प्रशासनिक कार्रवाई
शनिवार सुबह जब पूरा शहर नींद में था, तभी जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम भारी मशीनों के साथ गदरपुर के चिह्नित स्थल पर पहुंची। प्रशासन ने पहले ही अवैध अतिक्रमण की पहचान कर ली थी। टीम ने बिना किसी देरी के कार्रवाई शुरू की और सरकारी जमीन पर अवैध रूप से निर्मित ढांचे को कुछ ही घंटों में मलबे में तब्दील कर दिया।
भारी सुरक्षा घेरे में रहा इलाका
कार्रवाई के दौरान विरोध की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए थे।
- पुलिस तैनाती: क्षेत्र में कई थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी की टुकड़ियों को तैनात किया गया था।
- बैरिकेडिंग: कार्रवाई स्थल की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया गया था ताकि कोई भी असामाजिक तत्व बाधा उत्पन्न न कर सके।
- शांति व्यवस्था: पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और धारा 144 जैसे सख्त कदमों का संकेत भी दिया।
‘देवभूमि’ में अवैध कब्जों पर जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री धामी ने बार-बार स्पष्ट किया है कि ‘देवभूमि’ के मूल स्वरूप को बदलने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। सरकार के अनुसार, वन विभाग, सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग (PWD) की हजारों एकड़ जमीन पर अवैध धार्मिक और व्यावसायिक कब्जे किए गए हैं।
अधिकारियों का बयान: उपजिलाधिकारी (SDM) ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह नियमानुसार की गई है। संबंधित पक्ष को पहले ही नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का समय दिया गया था, लेकिन पालन न होने पर प्रशासन को बल प्रयोग करना पड़ा।
आगामी कदम और अन्य स्थलों पर नजर
गदरपुर में हुई इस कार्रवाई के बाद जिले के अन्य क्षेत्रों में भी हड़कंप मचा हुआ है। प्रशासन की लिस्ट में कई अन्य अवैध ढाँचे और दुकानें भी शामिल हैं, जिन पर आने वाले दिनों में बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) इस पूरे अभियान की सीधे निगरानी कर रहा है।
इस कार्रवाई ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार सरकारी संपत्तियों पर हुए कब्जों को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है।





