Saturday, December 27, 2025

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पहाड़ की बेटियों का नया जोश: हाथों में दरांती की जगह थामा बल्ला, मैदान में हो रही चौके-छक्कों की बरसात

देहरादून/हल्द्वानी। उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों और तंग रास्तों से निकलकर बेटियां अब खेल के मैदानों में अपनी सफलता की नई पटकथा लिख रही हैं। कभी खेतों में घास काटने के लिए हाथों में दरांती थामने वाली ये बेटियां अब क्रिकेट के मैदान पर बल्ला घुमा रही हैं। स्थानीय स्तर पर आयोजित हो रही महिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं में इन खिलाड़ियों का जलवा इस कदर सिर चढ़कर बोल रहा है कि दर्शक दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हैं। विशेष रूप से एक खिलाड़ी अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण ‘लेडी क्रिस गेल’ के नाम से आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

दरांती से बल्ले तक का संघर्षपूर्ण सफर

पहाड़ी परिवेश में बेटियों का जीवन अक्सर घर के कामकाज और खेतों तक सीमित रहता था, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है।

  • बदलती सोच: माता-पिता अब अपनी बेटियों को केवल चूल्हे-चौके तक सीमित न रखकर उन्हें खेल के मैदान में भेजने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
  • सीमित संसाधनों में तैयारी: बिना किसी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के, इन बेटियों ने पहाड़ की ढलानों और उबड़-खाबड़ खेतों को ही अपनी पिच बनाया और वहीं से अपनी प्रतिभा को निखारा है।

‘लेडी क्रिस गेल’ का मैदान पर जलवा

प्रतियोगिता के दौरान एक युवा महिला बल्लेबाज अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। उनकी लंबी हिट्स और निडर अंदाज को देखते हुए प्रशंसकों ने उन्हें ‘लेडी क्रिस गेल’ का खिताब दिया है।

  • आक्रामक बल्लेबाजी: मैदान के चारों ओर चौके-छक्कों की बरसात करते हुए इस खिलाड़ी ने कई अनुभवी गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए हैं।
  • भीड़ का आकर्षण: जब भी यह खिलाड़ी क्रीज पर आती है, दर्शकों का उत्साह दोगुना हो जाता है और पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है।

महिला सशक्तिकरण का नया चेहरा

खेल विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड की बेटियों की यह सफलता राज्य में महिला सशक्तिकरण का सबसे सशक्त उदाहरण है। मानसी जोशी और स्नेह राणा जैसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों की राह पर चलते हुए ये युवा लड़कियां अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का सपना देख रही हैं।

सुविधाओं की दरकार

मैदान पर प्रतिभा दिखाने के बावजूद, स्थानीय कोच और खिलाड़ियों का कहना है कि यदि सरकार इन बेटियों को बेहतर कोचिंग और आधुनिक किट उपलब्ध कराए, तो उत्तराखंड से कई और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी निकल सकती हैं।

मुख्य बिंदु:

  • पहाड़ी क्षेत्रों की लड़कियां क्रिकेट में दिखा रही हैं जबरदस्त हुनर।
  • अपनी आक्रामक शैली से एक बल्लेबाज बनीं ‘लेडी क्रिस गेल’।
  • ग्रामीण परिवेश की चुनौतियों को पार कर बेटियां खेल में बना रही हैं करियर।

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