Saturday, December 27, 2025

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उत्तराखंड में Pre-SIR कार्यों की समीक्षा: मतदाता मैपिंग को पुख्ता करने के लिए आपसी समन्वय पर जोर

देहरादून। आगामी चुनावों की पूर्व तैयारियों के मद्देनजर उत्तराखंड निर्वाचन विभाग ने ‘Pre-SIR’ (Pre-Special Incremental Revision) कार्यों की गहन समीक्षा की। सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में निर्वाचन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने और मतदाता मैपिंग की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय अनिवार्य है।

डिजिटल मैपिंग और डेटा शुद्धिकरण पर ध्यान

बैठक के दौरान अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से मतदाता मैपिंग को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए।

  • मैपिंग को आसान बनाना: अधिकारियों ने निर्देश दिए कि नए मतदाताओं के पंजीकरण और पते के सत्यापन (Mapping) के लिए बीएलओ (BLO) और राजस्व विभाग के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए।
  • त्रुटियों का निवारण: Pre-SIR कार्यों के तहत पुरानी मतदाता सूचियों में मौजूद विसंगतियों, जैसे कि फोटो का मिलान न होना या दोहरे नाम होना, को प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाएगा।

अधिकारियों का मुख्य संदेश

निर्वाचन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने समीक्षा के दौरान कहा कि मतदाता मैपिंग केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का माध्यम है।

“तकनीकी चुनौतियों और भौगोलिक विषमताओं के बावजूद, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर पात्र नागरिक का नाम सही ढंग से मैप किया गया हो। इसके लिए विभागों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान (Co-ordination) त्वरित और सटीक होना चाहिए।”

भविष्य की कार्ययोजना

  • बीएलओ का प्रशिक्षण: मैपिंग कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए ब्लॉक लेवल अधिकारियों (BLO) को विशेष डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • डोर-टू-डोर सर्वे: समीक्षा में तय किया गया कि दुर्गम क्षेत्रों में मतदाता सत्यापन के लिए विशेष टीमें भेजी जाएंगी ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति छूट न जाए।
  • सामूहिक उत्तरदायित्व: अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे निचले स्तर के कर्मचारियों के साथ नियमित बैठकें करें और मैपिंग के दौरान आने वाली व्यावहारिक समस्याओं का तुरंत समाधान निकालें।

क्यों महत्वपूर्ण है Pre-SIR?

Pre-SIR कार्य वास्तविक ‘विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण’ से पहले की जाने वाली तैयारी है। इसका मुख्य उद्देश्य डेटा को साफ-सुथरा करना और नए मतदाताओं (विशेषकर युवाओं) को जोड़ने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करना है। यदि मैपिंग सटीक होती है, तो चुनाव के समय मतदान केंद्रों पर भीड़ प्रबंधन और मतदाता पहचान की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती है।

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