नेपाली कांग्रेस को छोड़ने और नेपाल की कम्यूनिस्ट पार्टी-यूनिफाइड मार्कसिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के साथ नया गठबंधन बनाने के कुछ दिनों के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड बुधवार को संसद में अपना विश्वास मत हासिल करेंगे। नेपाल की कम्यूनिस्ट पार्टी से ताल्लुक रखने वाले पूर्व गुरिल्ला नेता, प्रतिनिधि सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता प्रचंड ने रविवार को संसद सचिवालय को एक चिट्ठी लिखी। अपनी चिट्ठी में प्रचंड ने बताया कि उन्होंने नेपाली कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। संविधान के प्रावधानों के अनुसार, गठबंधन सरकार से किसी सहयोगी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत लेना होता है। पूर्व सहयोगी नेपाली कांग्रेस का समर्थन खोने के बाद प्रचंड को अब बहुमत साबित करना होगा। प्रचंड ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली के नेतृत्व वाली नेपाल की कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ नया गठबंधन बनाया है। दूसरी सबसे बड़ी पार्टी, पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल के पास 76 सीटें हैं, जबकि तीसरी सबसे बड़ी पार्टी सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के पास 32 सीटें हैं। इनके अलावा राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के पास क्रमशः 20, 12 और 10 सीटें हैं।