ढाका/नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजनीति में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष और देश के अगले संभावित प्रधानमंत्री माने जा रहे तारिक रहमान ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया है कि भविष्य का बांग्लादेश किसी एक धर्म का नहीं, बल्कि हिंदू, मुसलमान और सभी समुदायों का साझा देश होगा।
धार्मिक सद्भाव पर बड़ा बयान
लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे तारिक रहमान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने समर्थकों और अंतरिम सरकार को संदेश देते हुए कहा कि बांग्लादेश की पहचान उसकी विविधता और सांप्रदायिक सौहार्द में निहित है। उन्होंने कहा कि देश के भीतर धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और राजनीतिक दलों की सामूहिक जिम्मेदारी है। रहमान के इस बयान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
यूनुस सरकार को चुनावी रोडमैप की सलाह
तारिक रहमान ने अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉ. मोहम्मद यूनुस को संबोधित करते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए जल्द से जल्द निष्पक्ष चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने संदेश दिया कि सरकार को प्रशासनिक सुधारों के साथ-साथ एक समावेशी राजनीतिक माहौल तैयार करना चाहिए, जहाँ हर नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, खुद को सुरक्षित और समान महसूस कर सके।
अल्पसंख्यकों पर हमलों के बीच महत्वपूर्ण रुख
उल्लेखनीय है कि शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों से अल्पसंख्यकों पर हमलों और तोड़फोड़ की खबरें आई थीं। ऐसे समय में तारिक रहमान का यह कहना कि “बांग्लादेश हिंदू-मुसलमान सबका है”, देश के भीतर शांति स्थापित करने और अपनी पार्टी (BNP) की छवि को एक उदारवादी राजनीतिक शक्ति के रूप में पेश करने की कोशिश मानी जा रही है।
अगले प्रधानमंत्री के रूप में दावेदारी
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शेख हसीना की अनुपस्थिति में तारिक रहमान और उनकी पार्टी का पलड़ा भारी है। उनके इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि भविष्य में उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष छवि अपनाने का प्रयास करेंगे जो भारत और पश्चिमी देशों के साथ उनके संबंधों को मजबूती प्रदान कर सके।
पार्टी कार्यकर्ताओं को कड़े निर्देश
रहमान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी कड़ी चेतावनी दी है कि वे किसी भी तरह की हिंसा या धार्मिक भेदभाव वाली गतिविधियों में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि जो कोई भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।





