Wednesday, December 24, 2025

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असम का कार्बी आंगलोंग अशांत: जमीन विवाद और अतिक्रमण के आरोप में भड़की हिंसा, जानें क्या है पूरा मामला

दीफू/गुवाहाटी: असम का पहाड़ी जिला कार्बी आंगलोंग एक बार फिर जातीय तनाव और हिंसा की चपेट में है। पिछले कुछ दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है, जिसके बाद प्रशासन को कई क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करनी पड़ी है। स्थानीय समुदायों और एक विशेष वर्ग के बीच जमीन को लेकर उपजा विवाद अब इस पूरे क्षेत्र की शांति के लिए चुनौती बन गया है।

क्या है विवाद की मुख्य जड़? (इनसाइड स्टोरी)

इस हिंसा की जड़ में ‘जमीन पर अतिक्रमण’ का मुद्दा सबसे प्रमुख है। स्थानीय कार्बी संगठनों का आरोप है कि जिले के ‘प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व’ (PGR) और ‘विलेज ग्रेजिंग रिजर्व’ (VGR) यानी चारागाह की जमीनों पर बाहरी लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। इन संगठनों की मांग है कि प्रशासन इन जमीनों से अवैध अतिक्रमणकारियों को तुरंत बेदखल करे। विवाद तब गहरा गया जब एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हो गई, जिसने देखते ही देखते आगजनी और पथराव का रूप ले लिया।

प्रशासनिक कार्रवाई और विरोध का दौर

स्थानीय प्रशासन द्वारा कुछ अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों का दावा है कि यह कार्रवाई बहुत धीमी है। दूसरी ओर, जिन लोगों को हटाया जा रहा है, उन्होंने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। प्रदर्शनकारियों ने दीफू और आसपास के इलाकों में सड़क जाम की और सरकारी वाहनों को निशाना बनाया, जिसके जवाब में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

सुरक्षा बलों की भारी तैनाती

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने कार्बी आंगलोंग में पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात कर दी हैं। जिले के संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है ताकि भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जा सके। असम के पुलिस महानिदेशक स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

जातीय समीकरण और शांति की अपील

कार्बी आंगलोंग ऐतिहासिक रूप से विभिन्न जनजातियों और समुदायों का घर रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए केवल कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक संवाद की भी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहते हुए स्वदेशी लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगी।

फिलहाल क्या है स्थिति?

फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। बाजार आंशिक रूप से बंद हैं और स्कूलों में उपस्थिति कम देखी जा रही है। प्रशासन स्थानीय नागरिक संगठनों (NGOs) और छात्र संघों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोका जा सके और शांति बहाल की जा सके।

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