Tuesday, December 23, 2025

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रक्षा क्षेत्र में बड़ी छलांग: इंडिया ऑप्टेल और फ्रांस की सैफरान के बीच समझौता, बदल जाएगी भारतीय सेना की ताकत

देहरादून/नई दिल्ली: भारतीय रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को नई गति देते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL) ने फ्रांस की दिग्गज रक्षा कंपनी सैफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस (Safran) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह रणनीतिक साझेदारी न केवल तकनीकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देगी, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों की निगरानी और सटीकता क्षमताओं में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।

क्या है यह समझौता?

इस समझौते के तहत इंडिया ऑप्टेल और सैफरान मिलकर अत्याधुनिक ऑप्ट्रोनिक उपकरणों (Optronic Equipment) का निर्माण और रखरखाव करेंगे। इसमें मुख्य रूप से लेजर गाइडेड सिस्टम, थर्मल इमेजर और उच्च तकनीक वाले दूरबीन शामिल हैं जिनका उपयोग युद्ध के मैदान में किया जाता है।

  • मेक इन इंडिया को मजबूती: इस समझौते का प्राथमिक उद्देश्य उच्च तकनीक वाले रक्षा उपकरणों का निर्माण भारत में ही करना है।
  • तकनीकी हस्तांतरण (ToT): सैफरान अपनी उन्नत वैश्विक तकनीक इंडिया ऑप्टेल के साथ साझा करेगी, जिससे भारत में स्वदेशी विनिर्माण क्षमता विकसित होगी।
  • संयुक्त उद्यम: दोनों कंपनियां भविष्य में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए नए उत्पादों के सह-विकास पर भी काम करेंगी।

इस समझौते के बड़े मायने और लाभ

1. सामरिक शक्ति में इजाफा

भारतीय सेना को अब रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी सटीक निशाना लगाने वाले बेहतर उपकरण मिल सकेंगे। सैफरान की ऑप्ट्रोनिक्स तकनीक दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों में से एक मानी जाती है।

2. विदेशी निर्भरता में कमी

वर्तमान में भारत कई उच्च-स्तरीय सेंसर और कैमरों के लिए आयात पर निर्भर है। इस समझौते के बाद, इन उपकरणों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर होने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी और आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) सुरक्षित रहेगी।

3. वैश्विक निर्यात का केंद्र

यह समझौता भारत को ‘डिफेंस एक्सपोर्ट हब’ बनाने की दिशा में एक कदम है। भारत में निर्मित इन उन्नत उपकरणों को मित्र देशों को निर्यात करने की संभावनाएं भी तलाश की जाएंगी।

4. रोजगार और कौशल विकास

इस साझेदारी से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में उच्च-कुशल रोजगार के अवसर पैदा होंगे और भारतीय इंजीनियरों को विश्व स्तरीय फ्रांसीसी तकनीक पर काम करने का अनुभव मिलेगा।

विशेषज्ञों की राय

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इंडिया ऑप्टेल जैसी सरकारी कंपनी का सैफरान के साथ जुड़ना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) के आधुनिकीकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है।

“यह साझेदारी भारतीय सेना की ‘देखने और प्रहार करने’ (See and Strike) की क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह रक्षा क्षेत्र में भारत-फ्रांस के बीच बढ़ते भरोसे का प्रमाण है।” — रक्षा विश्लेषक

अगला कदम

इस समझौते के बाद अब दोनों कंपनियां जल्द ही देहरादून और अन्य विनिर्माण इकाइयों में कार्ययोजना लागू करेंगी। आने वाले समय में इन्फैंट्री (पैदल सेना), तोपखाने और बख्तरबंद वाहनों के लिए स्वदेशी ‘साइट्स’ और ‘सेंसर’ का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

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