भोपाल: डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सेंधमारी का मामला सामने आया है, जिसमें दुनिया भर के लगभग 68 करोड़ यूजर्स के ई-मेल आईडी और पासवर्ड लीक होने की खबर है। इस गंभीर खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश स्टेट साइबर पुलिस मुख्यालय ने आम नागरिकों के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी (परामर्श) जारी की है। साइबर पुलिस ने चेतावनी दी है कि लीक हुआ डेटा हैकर्स के हाथ लग सकता है, जिसका उपयोग वित्तीय धोखाधड़ी और व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए किया जा सकता है।
घटना का मुख्य विवरण:
- डेटा लीक का पैमाना: वैश्विक स्तर पर हुए इस डेटा लीक में करोड़ों लोगों की निजी लॉगिन जानकारी सार्वजनिक हो गई है। हैकर्स इन ई-मेल और पासवर्ड का उपयोग ‘क्रेडेंशियल स्टफिंग’ जैसे हमलों के लिए कर सकते हैं, जहाँ एक ही पासवर्ड का उपयोग कई अन्य खातों (जैसे बैंक, सोशल मीडिया) को खोलने के लिए किया जाता है।
- साइबर पुलिस की सक्रियता: मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल ने इंटरनेट का उपयोग करने वाले सभी नागरिकों को तुरंत अपने सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने को कहा है। पुलिस के अनुसार, डेटा लीक की घटनाओं से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
स्टेट साइबर पुलिस द्वारा जारी सुरक्षा निर्देश (एडवाइजरी):
- तुरंत बदलें पासवर्ड: साइबर विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि यदि आप लंबे समय से एक ही पासवर्ड का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे तुरंत बदल दें। नया पासवर्ड जटिल (अल्फा-न्यूमेरिक और स्पेशल कैरेक्टर युक्त) होना चाहिए।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) करें सक्रिय: पुलिस ने सभी महत्वपूर्ण खातों, विशेषकर ई-मेल और बैंकिंग ऐप्स पर ‘टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन’ चालू करने के निर्देश दिए हैं। इससे पासवर्ड पता होने के बावजूद हैकर बिना ओटीपी (OTP) के खाता नहीं खोल पाएगा।
- चेक करें अपनी स्टेटस: यूजर ‘Have I Been Pwned’ जैसी विश्वसनीय वेबसाइटों पर जाकर यह चेक कर सकते हैं कि उनका ई-मेल आईडी इस लीक का हिस्सा है या नहीं।
- समान पासवर्ड न रखें: अलग-अलग प्लेटफॉर्म (जैसे फेसबुक, जीमेल, नेट बैंकिंग) के लिए एक ही पासवर्ड रखने की गलती न करें।
हैकर्स कैसे कर सकते हैं नुकसान? साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि लीक हुए डेटा का उपयोग करके अपराधी आपके नाम पर फर्जी लोन ले सकते हैं, आपके बैंक खातों से पैसे निकाल सकते हैं या आपकी निजी तस्वीरों और जानकारी के आधार पर आपको ब्लैकमेल कर सकते हैं।
प्रशासन की अपील: मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल के अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही किसी के साथ अपना ओटीपी साझा करें। यदि किसी के साथ वित्तीय धोखाधड़ी होती है, तो वे तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।





