देहरादून/नई दिल्ली: उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है कि केंद्र सरकार के ‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’ (Aspirational District Programme) के तहत उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिलों ने विकास के विभिन्न मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सम्मान हासिल किया है। नीति आयोग द्वारा जारी हालिया रैंकिंग और मूल्यांकन के आधार पर, इन दोनों जिलों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार के लिए पुरस्कृत किया गया है।
समाचार के मुख्य बिंदु:
- विकास के मानकों पर खरा उतरे जिले: नीति आयोग द्वारा संचालित इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास जैसे संकेतकों पर प्रगति की निगरानी की जाती है। उधम सिंह नगर और हरिद्वार ने इन सभी श्रेणियों में राज्य और राष्ट्रीय औसत से बेहतर सुधार दिखाया है।
- सम्मान और पुरस्कार राशि: बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के कारण इन जिलों को केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस धनराशि का उपयोग जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण, स्कूलों के आधुनिकीकरण और कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को विकसित करने में किया जाएगा।
- हरिद्वार की उपलब्धि: हरिद्वार जिले ने विशेष रूप से बुनियादी ढांचे और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। कुंभ नगरी होने के नाते, यहाँ सार्वजनिक सुविधाओं और डिजिटल बैंकिंग के प्रसार पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसकी सराहना नीति आयोग ने की है।
- उधम सिंह नगर का प्रदर्शन: तराई क्षेत्र के इस जिले ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और पोषण अभियान के सफल क्रियान्वयन में बेहतर प्रदर्शन किया है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के विस्तार ने जिले को रैंकिंग में ऊपर लाने में मदद की।
- मुख्यमंत्री की सराहना: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर दोनों जिलों के जिलाधिकारियों और उनकी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान राज्य सरकार की ‘अंतिम छोर तक विकास’ पहुँचाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
- क्या है आकांक्षी जिला कार्यक्रम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के उन जिलों को विकसित करना है जो सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़ गए थे। इस कार्यक्रम के तहत जिलों के बीच विकास को लेकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा (Delta Ranking) कराई जाती है।
भविष्य की योजना: प्रशासन का लक्ष्य अब इन जिलों को ‘आकांक्षी’ श्रेणी से बाहर निकालकर देश के अग्रणी विकसित जिलों की श्रेणी में लाना है। इसके लिए स्थानीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और तकनीक का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
उधम सिंह नगर और हरिद्वार को मिला यह सम्मान अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह उपलब्धि दर्शाती है कि यदि प्रशासन और जनता मिलकर काम करें, तो चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद विकास के लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।





