नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक औद्योगिक इकाई के भीतर भीषण दुर्घटना होने की खबर सामने आई है। यहाँ एक निजी प्लांट में विशालकाय पानी की टंकी अचानक फट जाने से मलबे और पानी के तेज बहाव की चपेट में आकर 3 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में 8 अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिससे एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानक की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
दुर्घटना का घटनाक्रम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब प्लांट में सामान्य रूप से कार्य चल रहा था। अचानक छत पर या ऊँचाई पर स्थित भारी-भरकम पानी की टंकी धमाके के साथ फट गई। पानी का दबाव और टंकी का मलबा इतना जबरदस्त था कि पास में काम कर रहे मजदूर इसकी चपेट में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दृश्य इतना भयावह था कि कुछ ही सेकंड में पूरे परिसर में चीख-पुकार मच गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुँचीं।
- बचाव कार्य: मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए घंटों रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
- घायलों की स्थिति: घायलों को तत्काल नजदीकी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, 8 घायलों में से 3 की स्थिति अत्यंत नाजुक बनी हुई है।
‘सुरक्षा मानक’ पर उठते सवाल
इस हृदयविदारक घटना ने औद्योगिक क्षेत्रों में लागू होने वाले सुरक्षा मानक की पोल खोल दी है। प्राथमिक जांच में निम्नलिखित लापरवाही की आशंका जताई जा रही है:
- टंकी की गुणवत्ता: क्या टंकी के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था?
- नियमित निरीक्षण: क्या फैक्ट्री प्रबंधन ने समय-समय पर सुरक्षा मानक के तहत बुनियादी ढांचे का ऑडिट कराया था?
- ओवरलोडिंग: क्या टंकी में उसकी क्षमता से अधिक पानी भरा गया था, जिससे वह दबाव झेल नहीं पाई?
प्रशासन की कार्रवाई
नागपुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्लांट प्रबंधन के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में सुरक्षा मानक के उल्लंघन की पुष्टि होती है, तो दोषियों के विरुद्ध गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने भी मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता और घायलों के निशुल्क इलाज का आश्वासन दिया है।





