अल्मोड़ा: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला अल्मोड़ा जिले के रतौण गांव का है, जहां एक खूंखार गुलदार ने ग्रामीण पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रतौण गांव निवासी एक व्यक्ति जब अपने दैनिक कार्यों के लिए घर के समीप ही मौजूद था, तभी घात लगाकर बैठे गुलदार ने अचानक उन पर हमला बोल दिया। व्यक्ति के शोर मचाने और ग्रामीणों के एकत्रित होने के बाद गुलदार जंगल की ओर भाग निकला, लेकिन तब तक वह व्यक्ति को बुरी तरह लहुलूहान कर चुका था।
बढ़ता खतरा और ग्रामीणों का आक्रोश
इस घटना ने एक बार फिर पहाड़ में गहराते मानव-वन्यजीव संघर्ष की ओर सबका ध्यान खींचा है।
- दहशत का माहौल: रतौण और आसपास के गांवों में गुलदार की सक्रियता से लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है।
- वन विभाग पर सवाल: ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ कड़ा रोष व्यक्त किया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बार-बार सूचना देने के बावजूद विभाग मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
राहत और उपचार
घायल व्यक्ति को आनन-फानन में स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, व्यक्ति के सिर और गर्दन पर गहरे घाव हैं, लेकिन उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बनी हुई है।
वन विभाग की कार्रवाई
घटना के बाद वन विभाग की टीम ने क्षेत्र का मुआयना किया है। अधिकारियों का कहना है कि:
- क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है।
- गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
- पीड़ित परिवार को नियमानुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में भोजन की कमी और बस्तियों के विस्तार के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। रतौण गांव की यह घटना इसी कड़ी का हिस्सा है, जिसके स्थाई समाधान के लिए दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता है।





