ढाका। पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी हिंसा और अस्थिरता के बीच लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर अब तक का सबसे भीषण हमला हुआ है। राजधानी ढाका और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय उग्र दंगाइयों ने एक मीडिया हाउस की बिल्डिंग को निशाना बनाते हुए वहां मौजूद लगभग 30 पत्रकारों को जिंदा जलाने का प्रयास किया। उग्र भीड़ ने पहले इमारत के बाहर सांप्रदायिक और भड़काऊ नारेबाजी की और फिर मुख्य द्वारों को बंद कर पूरी बिल्डिंग को आग के हवाले कर दिया।
हमले का खौफनाक मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया सूत्रों के अनुसार, यह हमला तब हुआ जब पत्रकार अपने दफ्तर के भीतर समाचार संकलन और प्रसारण कार्य में जुटे थे।
- घेराबंदी और आगजनी: दंगाइयों की भीड़ ने अचानक दफ्तर को चारों तरफ से घेर लिया। अंदर फंसे पत्रकारों के पास निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था क्योंकि उपद्रवियों ने निकासी द्वारों पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी।
- नारेबाजी और दहशत: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दंगाई लगातार नफरती नारे लगा रहे थे और मीडिया कर्मियों को निशाना बनाने की धमकी दे रहे थे। बिल्डिंग से धुएं का गुबार उठता देख अंदर मौजूद पत्रकारों में चीख-पुकार मच गई।
- जान जोखिम में: कई पत्रकारों ने जान बचाने के लिए बिल्डिंग की छत का सहारा लिया, जबकि कुछ ने धुएं के बीच से ही सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार लगाई।
रेस्क्यू और घायल
सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों और दमकल विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद पत्रकारों को सुरक्षित बाहर निकाला।
- गंभीर चोटें: इस हमले में कई पत्रकार धुएं के कारण दम घुटने और झुलसने से घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
- संपत्ति का विनाश: दंगाइयों ने न केवल जान लेने की कोशिश की, बल्कि मीडिया हाउस के महंगे उपकरणों, कैमरों और सर्वर रूम को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया।
- प्रेस पर हमला: अंतरराष्ट्रीय प्रेस संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला करार दिया है।
बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पत्रकारों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उपद्रवी तत्वों द्वारा मीडिया को सच दिखाने से रोकने के लिए हिंसक हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई का दावा किया है, लेकिन पत्रकारों के बीच गहरे खौफ का माहौल बना हुआ है।





