Friday, December 19, 2025

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कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की आहट तेज: कैबिनेट मंत्री की ‘डिनर पार्टी’ ने बढ़ाई सियासी तपिश, 30 विधायक हुए शामिल

बेंगलुरु। कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एक कैबिनेट मंत्री द्वारा दी गई ‘डिनर पार्टी’ ने राज्य के सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। इस निजी भोज में कांग्रेस के 30 से अधिक विधायकों की मौजूदगी को महज एक शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि सत्ता के गलियारों में हो रही गुटबाजी और शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।

डिनर डिप्लोमेसी और सियासी समीकरण

बेंगलुरु में आयोजित इस रात्रि भोज ने उन अटकलों को हवा दी है कि पार्टी के भीतर एक धड़ा नेतृत्व में बदलाव या भविष्य की रणनीति को लेकर सक्रिय हो गया है।

  • शक्ति प्रदर्शन: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एक साथ इतने विधायकों का जुटना ‘डिनर डिप्लोमेसी’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आलाकमान को अपनी ताकत का अहसास कराना है।
  • गुटबाजी की सुगबुगाहट: राज्य में सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों के बीच अक्सर खींचतान की खबरें आती रही हैं। ऐसे में इस बैठक को किसी एक गुट की विशेष रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
  • मंत्रियों की चुप्पी: हालांकि मेजबान मंत्री और शामिल हुए विधायकों ने इसे एक ‘अनौपचारिक मिलन’ बताया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसके गंभीर मायने निकाले जा रहे हैं।

मुडा (MUDA) विवाद और दबाव की राजनीति

हाल के दिनों में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुडा (MUDA) घोटाले की जांच को लेकर विपक्षी दल हमलावर रहे हैं। कानूनी पेचीदगियों के बीच पार्टी के भीतर ही संभावित उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

  1. हाईकमान की नजर: दिल्ली में बैठा कांग्रेस आलाकमान कर्नाटक के हर घटनाक्रम पर बारीक नजर रखे हुए है, ताकि सरकार की स्थिरता पर कोई आंच न आए।
  2. दावेदारों की सक्रियता: सीएम पद की दौड़ में शामिल माने जाने वाले अन्य वरिष्ठ नेता भी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पर्दे के पीछे से विधायकों से संपर्क साध रहे हैं।

 

इधर, विपक्षी दल भाजपा और जेडीएस ने इस डिनर पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार आपसी कलह में उलझी हुई है। विपक्ष का आरोप है कि मंत्रियों का ध्यान जनता की समस्याओं पर कम और अपनी कुर्सी बचाने या कब्जाने पर ज्यादा है।

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