उत्तरकाशी: सीमांत जनपद उत्तरकाशी के निवासियों और पर्यटकों के लिए नया साल खुशियों की सौगात लेकर आ रहा है। लंबे समय से प्रतीक्षित चिड़ियाघर (Zoo) परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है, और उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल की शुरुआत के साथ ही इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह चिड़ियाघर न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन (Tourism) को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
- प्राकृतिक आवास: इस चिड़ियाघर को हिमालयी वन्यजीवों के अनुकूल प्राकृतिक वातावरण में तैयार किया गया है, जहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाने वाले दुर्लभ जीव देखने को मिलेंगे।
- मुख्य आकर्षण: यहाँ कस्तूरी मृग, हिमालयन थार और विभिन्न प्रकार के पहाड़ी पक्षियों के लिए विशेष बाड़े (Enclosures) बनाए गए हैं।
- शिक्षा और संरक्षण: मनोरंजन के साथ-साथ यह केंद्र स्कूली बच्चों के लिए वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण शिक्षा का एक प्रमुख हब बनेगा।
अंतिम चरण में तैयारियां
वन विभाग और जिला प्रशासन ने परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। अधिकारियों के अनुसार:
- सुरक्षा मानक: जानवरों और दर्शकों की सुरक्षा के लिए आधुनिक फेंसिंग और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
- सुविधाएं: पर्यटकों के लिए पार्किंग, कैंटीन और बैठने के लिए उचित शेड्स का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
- लोकार्पण: वन विभाग नए साल के पहले या दूसरे सप्ताह में इसके भव्य उद्घाटन की योजना बना रहा है।
जनता में भारी उत्साह
स्थानीय लोगों का कहना है कि उत्तरकाशी में मनोरंजन के साधनों की कमी थी, जिसे यह चिड़ियाघर पूरा करेगा। विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में इस नई सौगात को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट ऋषिकेश और देहरादून के बाद राज्य के सबसे सफल वन्यजीव केंद्रों में से एक साबित हो सकता है।





