केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के आर्थिक दावों पर कड़ा पलटवार करते हुए साफ शब्दों में कहा है कि भारत किसी भी तरह से ‘डेड इकोनमी’ नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल स्थिर है, बल्कि तेज़ी से आगे बढ़ रही है और इसके मजबूत संकेत देश के आर्थिक आंकड़ों में साफ दिखाई देते हैं।
वित्त मंत्री ने भारत की मजबूत विकास दर, लगातार बढ़ती जीडीपी, निवेश में हो रही वृद्धि और रोजगार के सकारात्मक संकेतों का हवाला देते हुए विपक्ष की आलोचनाओं को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों और वैश्विक आर्थिक मंचों पर भारत की साख लगातार मजबूत हुई है, जो यह दर्शाता है कि दुनिया भारत की आर्थिक क्षमता पर भरोसा कर रही है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किए गए संरचनात्मक सुधार, जैसे कर प्रणाली में सुधार, बुनियादी ढांचे में भारी निवेश, विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा और डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार—इन सभी कदमों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। उन्होंने यह भी कहा कि इन नीतियों का उद्देश्य केवल आर्थिक आंकड़े सुधारना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग तक विकास के लाभ पहुंचाना है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सामाजिक कल्याण योजनाओं और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन बनाकर सरकार ने समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है। वित्त मंत्री के अनुसार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, एमएसएमई सेक्टर और स्टार्टअप इकोसिस्टम में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर या असफल बताने की कोशिश देश के हित में नहीं है। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर चर्चा करे, न कि नकारात्मक बयानबाजी के जरिए भ्रम फैलाए।
वित्त मंत्री ने दोहराया कि सरकार अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में लगातार काम किया जाएगा।





