अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति के तहत लगाए गए टैरिफ के विरोध में तीन सांसदों ने आवाज उठाई है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत से आयात होने वाले सामान पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैक्स को हटाया जाए, ताकि व्यापारिक संबंधों में संतुलन और आर्थिक सहयोग मजबूत हो सके।
सांसदों ने कहा कि उच्च टैरिफ अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए भारी आर्थिक बोझ बन रहा है। उनके अनुसार, भारत जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार पर इतनी अधिक दर लागू करने से दोनों देशों के बीच व्यापारिक अवसर प्रभावित होंगे।
वाणिज्य और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से अमेरिकी कंपनियों को भी नुकसान हो रहा है, क्योंकि भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ने से उनकी लागत बढ़ जाती है और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है।
अमेरिकी सांसदों ने प्रशासन से अपील की है कि वे व्यापारिक नीतियों में समन्वय और सहयोग को प्राथमिकता दें और भारत के साथ व्यापारिक टैरिफ में संशोधन करें। उनका कहना है कि ऐसा करने से न केवल आर्थिक हितों की रक्षा होगी, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों में स्थिरता भी आएगी।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि टैरिफ में कटौती होती है, तो दोनों देशों के व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को नई गति मिलेगी और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा को भी सकारात्मक संकेत मिलेगा।





