हल्द्वानी में एक बुजुर्ग नागरिक के साथ ऑनलाइन ठगी का गंभीर मामला सामने आया है। स्थानीय पुलिस और साइबर सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, आरोपी साइबर ठगों ने बुजुर्ग को “डिजिटल अरेस्ट” का झांसा देकर दो दिन तक मानसिक रूप से परेशान किया और उसके बैंक खाते से करीब 20 लाख रुपये की ठगी कर ली।
जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग को मोबाइल और कंप्यूटर के माध्यम से फोन आया और उन्हें यह भरोसा दिलाया गया कि उनका बैंक खाता किसी अपराधी गतिविधि में फंस गया है और अगर तुरंत निर्देशानुसार कार्य नहीं किया तो उन्हें डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बुजुर्ग डर के कारण ठगों के कहे अनुसार खाते से धन ट्रांसफर करने लगे, और दो दिनों में कुल 20 लाख रुपये ठगों के पास चले गए।
साइबर थाना के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला ऑनलाइन ठगी की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक है, जिसमें बुजुर्ग को डराकर और मानसिक दबाव डालकर बड़ी रकम ठगी गई। उन्होंने सभी नागरिकों से चेतावनी दी है कि बैंक, पुलिस या किसी अन्य सरकारी संस्था से संबंधित कोई भी कॉल या संदेश आने पर तुरंत कार्रवाई न करें और पहले उसकी सत्यता जाँच लें।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच तेज़ी से चल रही है और ठगों का पता लगाने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए बैंक ट्रांजैक्शन और डिजिटल सबूतों की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे मामलों में समय पर शिकायत दर्ज कराना और साइबर सेल से संपर्क करना बेहद जरूरी है।
बुजुर्ग के परिवार ने मीडिया को बताया कि घटना के बाद उन्हें गंभीर मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा और उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने बुजुर्ग माता-पिता और रिश्तेदारों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करें।
इस घटना ने एक बार फिर डिजिटल सुरक्षा और साइबर जागरूकता की आवश्यकता पर ध्यान खींचा है और यह संदेश दिया है कि ऑनलाइन ठगों से सतर्क रहना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।





