देहरादून में एक खतरनाक लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां खांसी की दवाई की ओवरडोज के कारण तीन वर्षीय बच्ची की तबीयत अचानक गंभीर हो गई। परिजनों के अनुसार, बच्ची को अत्यधिक खांसी होने पर उन्होंने उसे कफ सिरप की अतिरिक्त मात्रा दे दी, जिसके तुरंत बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। बच्ची को उलझन, कमजोरी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जिसके बाद परिजन घबराकर उसे दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे।
अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्ची की गंभीर स्थिति देखते हुए तुरंत उपचार शुरू किया। चिकित्सकों की टीम ने बताया कि बच्ची को दिए गए कफ सिरप की मात्रा उसकी उम्र के हिसाब से अत्यधिक थी, जिसके कारण उसे दवा का रिएक्शन हो गया। डॉक्टरों ने समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप करते हुए बच्ची की स्थिति को स्थिर किया और कुछ घंटों की निगरानी के बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार आने लगा।
चिकित्सकों ने इस घटना के बाद अभिभावकों को चेतावनी देते हुए कहा कि छोटे बच्चों को किसी भी दवाई की मात्रा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं देनी चाहिए। ओवरडोज का असर बच्चों पर बहुत तेज़ी से पड़ता है और कई बार यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है। अस्पताल प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि वे बच्चों की बीमारी के दौरान स्वयं दवा देने के बजाय विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें।
फिलहाल बच्ची खतरे से बाहर है और उसे अस्पताल से छुट्टी दिए जाने की तैयारी की जा रही है। परिवार ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समय पर इलाज मिलने से बच्ची की जान बच सकी।





