अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। इस बार निशाना साधा है कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप लियो ने, जिन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद ट्रंप के हालिया बयानों पर गहरी चिंता जाहिर की है। पोप लियो ने कहा कि नेताओं को संघर्ष की आग को भड़काने के बजाय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए।
वेटिकन में जेलेंस्की और पोप लियो की मुलाकात का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की संभावनाओं पर चर्चा करना था। दोनों के बीच करीब आधे घंटे चली बैठक में मानवीय सहायता, युद्धबंदियों की रिहाई, और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे शामिल रहे। इसी संदर्भ में पोप लियो ने ट्रंप के उन बयानों को अनुचित बताया, जिनमें उन्होंने कहा था कि यदि वे सत्ता में होते तो यूक्रेन संकट “कुछ ही घंटों में” सुलझा देते।
पोप ने कहा कि ऐसी टिप्पणियाँ संघर्ष की जटिलताओं को बेहद हल्का कर देती हैं और इससे प्रभावित देशों में निराशा और असुरक्षा का माहौल बनता है। उनके अनुसार, वैश्विक नेताओं को जिम्मेदारी और सटीकता के साथ बोलना चाहिए ताकि कोई भी टिप्पणी तनाव को और न बढ़ाए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी पोप की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि इस समय दुनिया को दिखावे वाली राजनीति नहीं, बल्कि ठोस रणनीति और सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने युद्ध समाप्त करने के लिए वेटिकन और अन्य मित्र देशों से नैतिक समर्थन की अपील की।
पोप लियो का यह बयान राजनयिक हलकों में व्यापक चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि वेटिकन आमतौर पर किसी भी देश के नेता पर सीधे टिप्पणी करने से बचता है। ट्रंप के बयानों पर इस स्पष्ट प्रतिक्रिया को कई विश्लेषक वैश्विक राजनीति में बढ़ती अस्थिरता और तनावपूर्ण माहौल की ओर संकेत मान रहे हैं।
ट्रंप की ओर से अभी तक पोप की टिप्पणी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन अमेरिका की राजनीतिक चर्चाओं में इस मुद्दे ने नए विवाद को जन्म दे दिया है।





