भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक सहयोग को नए आयाम देने के उद्देश्य से अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने वरिष्ठ भारतीय राजनयिक विक्रम मिसरी से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश रक्षा, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने पर काम कर रहे हैं। मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने साझा हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की।
बैठक में सबसे अधिक जोर रक्षा सहयोग पर रहा। दोनों देशों के अधिकारियों ने रक्षा उत्पादन, संयुक्त सैन्य अभ्यास, अत्याधुनिक तकनीक के आदान-प्रदान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने बताया कि वाशिंगटन भारत के साथ रक्षा उद्योग में दीर्घकालिक और विश्वसनीय साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहता है। वहीं, मिसरी ने भारतीय सरकार की प्राथमिकताओं को साझा करते हुए रक्षा आत्मनिर्भरता के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग भी इस बैठक का एक अहम हिस्सा रहा। दोनों देशों ने स्वच्छ ऊर्जा, नवीकरणीय स्रोतों के विकास, आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता और सतत विकास लक्ष्यों पर मिलकर काम करने की संभावनाओं पर चर्चा की। अमेरिका ने भारत की ऊर्जा संक्रमण योजना में समर्थन देने की इच्छा जताई, जबकि भारत ने ऊर्जा सुरक्षा को लेकर वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सहयोग को और व्यापक बनाने का सुझाव दिया।
इसके अलावा, तकनीकी साझेदारी, उभरते डिजिटल प्लेटफॉर्म, साइबर सुरक्षा और नवाचार से जुड़े मुद्दों पर भी बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने माना कि वैश्विक स्तर पर बदलती परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच भारत-अमेरिका सहयोग और अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
बैठक के अंत में दोनों देशों की ओर से सकारात्मक संकेत दिए गए और भरोसा जताया गया कि रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में होने वाली यह चर्चा भविष्य में ठोस परिणाम देगी। अधिकारियों ने कहा कि आने वाले महीनों में उच्चस्तरीय वार्ताओं का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी।





