यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की लंदन पहुंचकर एक अहम कूटनीतिक मिशन में जुट गए हैं। उनकी यह यात्रा उस समय हो रही है जब यूरोप में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए नई शांति पहल पर गंभीर मंथन चल रहा है। लंदन में आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में यूरोपीय देशों के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जहां शांति योजना के खाके को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक के दौरान यूरोपीय नेताओं ने माना कि युद्ध जितना लंबा खिंचता जा रहा है, इसके मानवीय और आर्थिक परिणाम उतने ही गंभीर होते जा रहे हैं। इसलिए आवश्यक है कि तनाव कम करने और कूटनीतिक समाधान तक पहुंचने के प्रयासों को तेजी दी जाए। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सैन्य सहायता, मानवीय मदद और भविष्य के वार्ता ढांचे से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तार से विचार किया गया।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बैठक में यूरोप के समर्थन के लिए आभार जताते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष समाप्त करना चाहता है, लेकिन यह तभी संभव है जब सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता न हो। उन्होंने यूरोपीय देशों से आग्रह किया कि वे शांति योजना के कार्यान्वयन के लिए एकजुट रहें और रूस पर कूटनीतिक दबाव बनाए रखें।
यूरोपीय परिषद के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में शांति योजना पर और अधिक गहन विचार-विमर्श होगा। उनका मानना है कि यदि सभी यूरोपीय देश साझा रणनीति पर सहमत हो पाते हैं, तो संघर्ष को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है। इस बीच, ब्रिटेन ने भी आश्वासन दिया है कि वह यूक्रेन की रक्षा और पुनर्निर्माण में सहयोग जारी रखेगा।
लंदन में हुई इस बैठक को यूरोपीय कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह प्रयास सफल होते हैं, तो न केवल युद्धविराम की संभावना मजबूत होगी, बल्कि यूरोप के सुरक्षा ढांचे में भी स्थिरता का नया अध्याय जुड़ सकता है। फिलहाल, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि शांति योजना को अगले चरण में किस तरह आगे बढ़ाया जाता है।




