संसद का चल रहा शीतकालीन सत्र आज अपने आठवें दिन में प्रवेश कर गया है। सदन की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में एक विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी, जो ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में होगी। राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी महत्व को रेखांकित करने के उद्देश्य से आयोजित इस चर्चा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, आज होने वाली चर्चा में विभिन्न दलों के सांसद भाग लेंगे और ‘वंदे मातरम’ की रचना, उसके पृष्ठभूमि, स्वतंत्रता आंदोलन में उसकी भूमिका और आज के भारत में उसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखेंगे। माना जा रहा है कि इस चर्चा के माध्यम से राष्ट्रगीत के योगदान को नई पीढ़ी के समक्ष दोबारा रेखांकित करने का अवसर मिलेगा।
संसद के आठवें दिन की कार्यवाही को लेकर सभी दलों की ओर से विशेष तैयारी की गई है। वहीं सरकार का कहना है कि ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ भारतीय इतिहास की एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना आवश्यक है।
सदन में आज होने वाली चर्चा से न केवल राष्ट्रगीत की विरासत को सम्मान मिलेगा, बल्कि देश की सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय चेतना को भी एक बार फिर मजबूत संदेश जाएगा। सांसदों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के अवसर भारतीय लोकतंत्र के मूल्यों और राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करने का कार्य करते हैं।





