संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि के अवसर पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने संसद भवन परिसर में पहुंचकर डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि दी। संसद परिसर में सुबह से ही विभिन्न दलों के नेताओं का आना-जाना जारी रहा, जहां सभी ने भारतीय लोकतंत्र की नींव रखने वाले इस महान चिंतक को नमन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महापरिनिर्वाण दिवस पर अपने संदेश में डॉ. आंबेडकर के दूरदर्शी नेतृत्व और उनके सिद्धांतों को देश की प्रेरणा बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि डॉ. आंबेडकर का न्याय, समानता और संविधान के प्रति अटूट समर्पण भारत की राष्ट्रीय यात्रा को सदैव दिशा देता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि बाबासाहेब ने पीढ़ियों को मानव गरिमा बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की प्रेरणा दी है। उनके आदर्श विकसित भारत के निर्माण की दिशा में राष्ट्र को सतत मार्गदर्शन देते रहेंगे।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी डॉ. आंबेडकर को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि बाबासाहेब की समानता, न्याय और मानवीय गरिमा पर आधारित विरासत संविधान की रक्षा के उनके संकल्प को मजबूत बनाती है। राहुल गांधी ने कहा कि आंबेडकर के विचार एक समावेशी और करुणाशील भारत के लिए उनके संघर्ष को प्रेरणा देते हैं।
संसद परिसर में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने डॉ. आंबेडकर को देश का ‘आइकॉन’ बताया। उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने पूरे देश को रास्ता दिखाया और हमें संविधान का अमूल्य मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा, “हम उन्हें याद करते हैं और उनके विचारों तथा संविधान की रक्षा करते हैं। आज हर भारतीय का संविधान खतरे में है, और हम सभी इसकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिक भी इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं।”
देशभर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बीच नेताओं के इन संदेशों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर की शिक्षाएं और उनके आदर्श आज भी भारत की लोकतांत्रिक संरचना के स्तंभ बने हुए हैं।





